लाॅकडाउन में फंसे लोगों को जल्द घर भेजेगी सरकार

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देहरादून (उद ब्यूरो)। लाॅकडाउन के कारण दो सप्ताह से अधिक समय से दूसरे जिलों में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। ऐसे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद ग्रीन कैटेगिरी के जिले में जाने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही राज्य के बाहर से आए जिन लोगों ने क्वारंटीन के 14 दिन पूरे कर लिए हैं, उनको स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेजे जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि प्रदेशवासियों के साथ ही सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से आवश्यक सेवाओं के वाहनों एवं आम लोगांे को अपने निवास स्थानों तक पहुंचाने में उचित सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम में जुटे लोगों का सम्मान करे साथ ही अपने आस पड़ोस में जरूरतमंदों की मदद व उनका सहयोग अवश्य करे। बेजुबान पशुओं पक्षियों को भोजन व चारा डालने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री नेकहा कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा तभी कोरोना महामारी की इस जंग में जीत हासिल कर पायेंगे। सीएम ने अपने संदेश में कहा कि कई लोग ऐसे है जो लाॅकडाउन से पहले अपनी रिश्तेदारी और दूसरे कामों से अन्य जिलों में गए थे। इस दौरान वो वहीं फंस गए। कई लोग जो स्वास्थ्य की जांच व अन्य कारणों से रूके हुए थे वहीं बड़ी संख्या में लोग दूसरे जिलों में फंसे हुए हैं। ऐसे लोगों को उनके गृह जनपदों तक पहुंचने के लिए सरकार ने संवेदनशील पहल शुरू की है। इससे पूर्व मुख्यंमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देर रात वीडियो कान्फ्रेंसिंग पर प्रदेश में हालातों की जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि शादी विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की व्यावहारिकता देखें। ऐसे प्रकरण अंतर्जनपदीय भी हो सकते हैं। विवाह के लिए केन्द्र सरकार के सामाजिक दूरी व अन्य निर्देशों का अनुपालन करते हुए अनुमति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग अपनी रिश्तेदारी आदि वजह से लाॅक डाउन में फंस गए हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए ग्रीन कैटेगरी के जनपदों में जाने की अनुमति प्रदान की जाए। यही नहीं जिन लोगों को क्वाॅरेंटाइन में रखे हुए 14 दिन पूरे हो गए हैं उन्हें 15 वें दिन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद यथा स्थान भेजने की व्यवस्था कर दी जाए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिए कि काश्तकारों के व्यापक हित में आम व लींची के सीजन के दृष्टिगत इसे क्रय करने हेतु आने वाले ठेकेदारों को भी आवश्यक चिकित्सा सुरक्षा जांच के बाद आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रीजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गर्मी व सर्दी के मौसम में प्रदेश के सीमांत जनपदों उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ में माइग्रेट होने वाले लोगों के आवागमन, पशुओं को चारा-पानी, गर्मी के दृष्टिगत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅक डाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लाॅक डाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है इसके लिए एक प्रोफाॅर्मा तैयार किया गया है जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी। जिला अधिकारी अपने जनपदों में इसका भी ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की भी अपेक्षा की। इस धनराशि से जनकल्याण के कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है। उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जारी किए जा रहे हैं उनका पालन गंभीरता के साथ सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से जनपद में मेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप कृषि व खेती से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से संचालन की व्यवस्था की जाए। माइग्रेट लेबरों के हित में उद्योगों से समन्वय कर उनकी आवश्यकता के दृष्टिगत उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि माइग्रेट कैम्पों में नियमित रूप से हेल्थ चेकिंग व उनके मनोबल को बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को कतिपय जनपदों में 14 दिन के लिए क्वाॅरेंटाइन किए जाने की बात भी सामने आ रही है, ऐसे ड्राइवरों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें जाने दिया जाए। उन्होंने वितरित की जा रही सामग्री की एकाउंटिंग पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को कोविड-19 के दृष्टिगत वन विभाग के जिन कर्मचारियों की तैनाती की गई है उन्हें वनाग्नि के बचाव आदि कार्यों के दृष्टिगत कार्यमुक्त कर दें, इनके स्थान पर पीआरडी स्वयं सेवकों की तैनाती की जाए । अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्ग, चारधाम सड़क परियोजना, कुंभ मेले से संबंधित कार्य, पुलों, नाबार्ड, लोनिवि, राज्य योजना व जिला योजना से संबंधित 75 प्रतिशत प्रगति वाले निर्माण कार्य किए जाने हैं, इसका परिचालन मानकों के अनुरूप किया जाना है। उन्होंने निर्माण कार्यों के मजदूरों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही इसका साप्ताहिक अनुश्रवण किए जाने तथा कार्य स्थल पर अथाॅरिटी इंजीनियर, जे.ई. की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा, इसकी व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी इनकी रहेगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी, सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव खाद्य सुशील कुमार एवं पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने उनके स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारियों से चर्चा की। जिलाधिकारियों ने अपनी समस्याओं से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

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