सब्जियों के थोक रेटों में हो रही मनमानी
हल्द्वानी, (उद संवाददाता)। मंडी में सब्जियों के थोक रेटों में मनमानी का खेल चल रहा है। सुबह खरीदारों की पर्याप्त भीड़ होने पर आढ़ती सब्जियों के दाम बढ़ा देते हैं। इस कारण खरीदार महंगे दाम में सब्जी लेकर चल देता है। बाद में व्यापारी कम हो जाते हैं तो चहेतों को फायदा दिलाने के लिए औने-पोने दामों पर सब्जी बेच दी जाती है। इसी चक्कर में कई व्यापारी फायदा उठा जाते हैं। वह सस्ती खरीदी सब्जी बाहर महंगे दामों पर बेचते हैं। हालात यह हैं कि रोजाना मंडी में दो सौ कुंतल सब्जी और फल फेंकना पड़ रहा है तो फुटकर बाजार में इसे ही खरीदने के लिए आम ग्राहक को लगभग दस गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। मगर मंडी में सोशल डिटेंसिंग लागू करानं में जुटे अफसरों ने जनता और काश्तकार दोनों की परेशानी से आंख मूंदकर आढ़तियों को मनमानी सप्लाई की खुली छूट रखी है। हल्द्वानी की बड़ी सब्जी मंडी कुमाऊं की एकमात्र बड़ी सब्जी मंडी भी है।यहां हर रोज 3000 कुंतल आलू और प्याज उतरता है। टमाटर, गोभी, लौकी, कद्दू, बैगन, खीरा आदि मिलाकर लगभग 1500 कुंतल सब्जी पहुंचती है। मगर पाबंदी के चलते मंडी में फुटकर कारेाबारी और ग्राहक की एंट्री न होने के कारण 300 से 400 कुंतल सब्जी नहीं पाती है। करीब 200 कुंतल से अधिक सब्जी और 50 कुंतल फल रोज खराब हो रहे हैं।