बचपन से था देशभक्ति का जज्बाःधानोआ
पूर्व एअर चीफ मार्शल वीरेंद्र सिंह धनोआ का गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा में हुआ स्वागत
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। देश के हर बच्चे की तरह मेरे मन में भी बचपन से देशभक्ति का जज्बा था जिसे पूरा करने के लिए मैंने खूब मेहनत की और वायुसेना में शामिल होकर देश की सीमाओं की रक्षा में अपना जीवन लगाया। यह बात पूर्व एअर चीफ मार्शल वीरेंद्र सिंह धनोआ ने आज गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा गोल मार्केट में श्री अखण्ड साहिब के समक्ष शीश नवाकर आशीर्वाद लेने के पश्चात उपस्थित संगत को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा अनुशासन को सर्वोपरि रखना चाहिए साथ ही गुरू के बतायेे मार्ग को भी कभी नहीं भूलना चाहिए। श्री धनोआ ने कहा कि गुरूओं के बताए रास्ते पर चलकर अनुशासन के साथ जीवन शैली अपनाने पर हर कदम पर सफलता हासिल होती है। उन्होंने समस्त संगत से अपील की कि वह जनसेवा में अपना समय जरूर लगायें तथा समाज के गरीब लोगों ंकी सेवा करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को किसी भी मुश्किल या विषम परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए और उसका सामना कर मुश्किलों को आसान करना चाहिए। इससे पूर्व श्री धनोआ का गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा पहुंचने पर गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी ने उनका स्वागत किया तथा गुरूद्वारा परिसर में उन्हें सरोपा व तलवार भेंट कर सम्मानित किया। संचालन कर रहे गुरूद्वारा कमेटी के मीत प्रधान प्रीतम सिंह चावला ने सिख संगत की ओर से श्री धनोआ का स्वागत करते हुए कहा कि श्री धनोआ ने जून वर्ष 1978 से वर्ष 2019 तक वायुसेना अधिकारी के रूप में देश की सेवा की। इस दौरान श्री धनोआ की अगुवाई में कारगिल युद्ध में भी देश को ऐतिहासिक जीत हासिल हुई। उन्होंने बताया कि श्री धनोआ को भारत सरकार द्वारा परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक व वायु सेवा पदक सहित कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। कार्यक्रम के दौरान गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी द्वारा फ्लैग आफिसर विनोद मलिक, जसविंदर सिंह खरबंदा, संतोख सिंह, विधायक राजकुमार ठुकराल, सहित अन्य कई गणमान्य लोगों को भी स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। श्री धनोआ ने संगत के साथ बैठकर लंगर हाल में लंगर प्रसाद भी ग्रहण किया। इस दौरान राम सिंह बेदी, निर्मल सिंह, जगदेव सिंह, शमीर सिंह,सुरमुख सिंह विर्क, तजिंदर सिंह विर्क, वीरेंद्र सामंती, अजय नारायण, इंद्रजीत सिंह, रघुवीर अरोरा, जोगेंद्र सिंह मोगा, गुरमीत सिंह बठला, अमन सिंह विर्क, हरविंदर सिंह, गुरजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, सरनजीत सिंह, सुरजीत सिंह ग्रोवर, किशनपाल चैधरी, हरमिंदर सिंह, नवजोत सिंह, कुलवंत सिंह सहित भारी संख्या में संगत मौजूद थी।