दिल्ली में भीषण अग्निकाण्ड, 43 की मौत
मुख्यमंत्राी केजरीवाल ने की मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख मुआवजा देने की घोषणा
नई दिल्ली(उद ब्यूरो)। दिल्ली के रानी झांसी रोड पर भीषण अग्निकांड में अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है। दमकल विभाग ने 54 लोगों को बचाया था। जिनमें कई लोग बाद में मृत पाए गए। इस भयावह अग्निकांड में ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई है। कुल 43 मृतकों में 34 की मौत लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) और 9 की मौत लेडी हार्डिंग्स अस्पताल में हुई है। कुछ घायलों को इन दोनों अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां डाॅक्टरों की एक बड़ी टीम इलाज में जुटी है। मुख्यमंत्राी केजरीवाल ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख और घायलों को एक-एक लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। घटना पर प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने शोक जताया है। पता चला है कि जिस बिल्डिंग में आग लगी उसमें बाहर से ताला बंद था, जबकि अंदर से लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। स्थानीय लोगों ने कई फंसे लोगों को बाहर निकाला और एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने में मदद की। पीड़ितों के परिजनों के मुताबिक फैक्ट्री में काम करने वाले ज्यादातर नौजवान थे जिनकी उम्र 20-30 साल रही होगी। फैक्ट्री का सिस्टम कुछ ऐसा बनाया गया था कि मजदूर वहीं काम करते थे और रहने-खाने-सोने की व्यवस्था भी वहीं थी। इसीलिए घटना के वत्तफ ज्यादातर मजदूर सोते रहे थे और उन्हें आग की जानकारी नहीं मिली। फैक्ट्री में बैग बनाने का काम होता था। परिजन अपने लोगों की तलाश में घटनास्थल पर पहुंचे हैं लेकिन उनकी शिकायत है कि उन्हें न तो कोई जानकारी दी जा रही है और न ही किसी से मिलने दिया जा रहा है। घटना के बारे में फायर सेफ्रटी अधिकारी नेे बताया कि जिन लोगों को बचाया गया, उनमें ज्यादातर बेहोशी की हालत में थे, कुछ जख्मी भी थे। 500-600 गज के फ्रलोर एरिया में यह फैक्ट्री चल रही थी जिसमें ग्राउंड से ऊपर चार मंजिल बनी थी। इसमें कई तरह की फैक्ट्रियां चलती थीं। बिल्डिंग में स्कूल बैग बनाने और पैकिंग का काम होता था। फायर सेफ्रटी अधिकारी ने कहा,जब हम पहुंचे तो देखा बिल्डिंग बाहर से लाॅक थी, लोहे का दरवाजा था। अंदर से लोग चिल्ला रहे थे बचाओ-बचाओ। हमलोगों ने गेट तोड़ा और अंदर दाखिल हुए। वहां से लोगों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया। इस बड़ी बिल्डिंग में सीढ़ी एक ही थी। अधिकारी ने कहा, हम दरवाजा तोड़कर अंदर गए। वहां जहरीला धुआं काफी भरा हुआ था। इस वजह से ज्यादातर लोग बेहोशी की हालत में बाहर निकाले गए। फायर सेफ्रटी अधिकारी ने कहा कि छत के ऊपर का दरवाजा भी बंद था, जिसे दमकल कर्मियों ने खोला और लोगों को बाहर निकाला। 55-60 लोगों को बाहर निकाला गया। जिस इलाके में फैक्ट्री चल रही थी वह रिहायशी इलाका है और फैक्ट्री को एनओसी भी नहीं मिली थी। यहां जितने मजदूर हैं वे वहीं रहते हैं, वहीं काम करते हैं और वहीं सोते हैं। उधर पुलिस ने हादसे वाली बिल्डिंग के मालिक के भाई को गिरफ्रतार कर लिया है। अब सवाल ये उठने लगे हैं कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में काम होता था लेकिन उसे फायर की एनओसी क्यों नहीं दी गई थी। हादसे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्राी अरविंद केजरीवाल ने लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की। सीएम केजरीवाल ने इस हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि 7 दिन के भीतर रिपोर्ट आने पर आग हादसे के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्राी ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं, घायलों को 1-1 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्राी ने घटना को दुखद बताया और अग्निशमन कर्मियों की सेवा को उनका बेहतर प्रदर्शन बताया। इस घटना को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्राी अमित शाह और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शोक जताया है। प्रधानमंत्राी मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इस भीषण घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ उनकी संवेदना है। वे घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। ट्विटर पर पीएम मोदी ने कहा कि यह हादसा बेहद दुखद है। बचाव कार्य में अधिकारी व कर्मचारी जुटे हुए हैं। वहीं अमित शाह ने भी इस घटना पर शोक जताए हुए पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की है। इसके अलावा मुख्यमंत्राी अरविंद केजरीवाल ने भी शोक जताया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी घटना के प्रति शोक जाहिर किया है।