तो क्या सरकार की जहरीली शराब ने ली 6 लोगों की जान !

देशी शराब के ठेके कराये बंद

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अनिल सागर
देहरादून। राजधानी में मरने वाले 6 लोगों ने जिस शराब का सेवन किया था वो कच्ची नही बल्की सरकार के सरकारी देशी के ठेके से खरीदी गई थी। पुलिस की अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि शराब तस्कर से देशी शराब जाफरान के पव्वे सरकारी ठेके से खरीदे थे। अगर ये बात सही साबित हुई तो क्या सरकारी की शराब में जहर था, इसके प्रमाण के लिए शराब के सेंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। वहीं जिले के देशी शराब के ठेके बंद कराकर बिक्री पर रोक लगा दी गई। उत्तराखण्ड में हरिद्वार के बाद जहरीली शराब से मरने का दूसरा मामला कहीं और का नही राजधानी देहरादून का है। पथरिया पीर जो कि शहर से बिल्कुल सटा है, इस क्षेत्र में देशी शराब व अग्रेंजी शराब की तस्करी काफी मात्रा में की जाती है। ये सब गोरखधंधा पुलिस एंव आबकारी विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही पनपता है। लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कुछ पव्वे व बोतल की बरामदगी होती है और पुलिस वाहवाही लूट कर अपने कर्तव्य को अंजाम देती है। पथरिया पीर में मरने वाले सभी लोगों ने कच्ची नही बल्कि सरकार के ठेके से खरीदी जाफरान का सेवन किया था पुलिस की अब तक की जांच में जो बात सामने आई है , जिस व्यक्ति से इन मरने वालों ने शराब खरीदी थी, जिस पुुलिस ने कल ही गिरफ्तार कर लिया था, उसने पुलिस जांच में बताया है कि उसने देशी शराब की पेटी चकराता रोड के कनाट पैलेस के सामने देशी के ठेके से ली थी, अगर इसमें सच्चाई है तो क्या सरकार की शराब जहरीली थी। सरकारी शराब में जहर के डर से रातो रात शराब के देशी व अंग्रेजी के ठेके बंद कर दिये गये, आज भी कुछ ठेके देर में खुले तो देशी ठेके अधिकतर बंद ही रहें। पुलिस व प्रशासन को ये डर सता रहा है कि ठेके की शराब में गड़बड़ी तो नही अगर ऐसा हुुंआ तो शहर में कई और मामले आने डर सता रहा है। पुलिस व आबकारी विभाग दुकान में मौजुद शराब के सेंपल भी ले लिए है, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है।

शवों को सड़क पर रखकर क्षेत्रवासियों ने किया प्रदर्शन
देहरादून। राजधानी में शराब पीकर मरनें वालों के परिवार में जहां कोहराम मचा है, वही क्षेत्र के लोगों ने विरोध में शवों को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर मरने वालों के परिवार को उचित मुआवजा समेंत क्षेत्र में शराब तस्करी रोकने की मांग की है। क्षेत्रवासियों ने प्रातः से ही शवों को रखकर पुलिस एंव प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शराब माफियाओं से गठजोंड़ के नारे लगाये। लोगों का कहना था कि मरने वाले अधिकरत मजदूर परिवार से थे जिस कारण उनके घरों में रोजी रेाटी का संकट आ गया है।

सत्ता की नांव में सवार शराब माफिया
देहरादून। राजधानी के बीचोंबीच जिस शराब माफिया की क्षेत्र में तूती बोलती है ,वो कोई और नही सत्ताधारी दल से जुड़ा है। जिसके गढ़ में शराब का कारोबार करोंड़ों का है। सत्ता की नांव में सवार पूर्व पार्षद खुलेआम शहर की विंदाल पुलिस चैकी के सामने बैखोफ अपने शराब के कारोबार को अंजाम देता है ये देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सरकार ने ठेके का लाइसेंस दे दिया हो। इसे अडडे पर देशी से लेकर अग्रेंजी की शराब आसानी से मिल जाती है ।

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