राज्यसभा में आर्थिक आरक्षण बिल पेश
नई दिल्ली।आर्थिक आरक्षण बिल राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पेश किया। इस बिल पर चर्चा के लिए तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया। हालांकि आज राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। दरअसल विपक्ष नागरिकता मामले पर नार्थ ईस्ट में हो रहे बवाल पर सरकार से जवाब मांग रहा था। इस कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी और उसके बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। आज सदन की कार्यवाही में ट्रिपल तलाक बिल को भी सूचीबद्ध किया गया है। इस कारण सरकार आज राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल को भी पास कराने की कोशिश करेगी। वैसे इसके पास होने के आसार नहीं हैं, क्योंकि विपक्ष इसको संयुक्त सेलेक्ट कमेटी में भेजने पर अड़ा हुआ है। यानी ये बिल राज्यसभा में दूसरी बार अटक सकता है। संभवतया इसलिए ही संसदीय कार्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि कई अहम बिल सदन में पास होने के लिए लंबित हैं। इसलिए सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए और बढ़ाई जा सकती है। इस बीच अन्नाद्रमुक ने कहा है कि वह आरक्षण बिल पर वाकआउट करेगी। ।प्।क्डज्ञ के राज्यसभा में 13 सांसद हैं। राज्यसभा में विपक्ष की तरफ से कांग्रेस, सपा और बसपा ने आरक्षण बिल को समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में इस बिल को समर्थन देने का फैसला किया गया है। राज्यसभा में कांग्रेस के 50 सांसद हैं। इस लिहाज से देऽा जाए तो बीजेपी के नेतृत्व वाले छक्। और कांग्रेस के सांसदों को मिलाकर देऽें तो ये बिल दो तिहाई बहुमत से आसानी से पास हो जाएगा। इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में मौजूद 326 सांसदों में से 323 ने बिल के समर्थन में वोट दिए, जबकि 3 ने इस विधेयक के विरोध में वोट दिए, इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। सूत्रें ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। मंगलवार (08 जनवरी) को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया, लेकिन राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां इस पर कड़ा रुऽ अपना सकती हैं। राज्यसभा में बीजेपी के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं। राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है।