होमियोपैथी चिकित्सक की संदिग्धा मौत

कार में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी

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रूद्रपुर(उद संवाददाता)। शहर के प्रतिष्ठित होमियोपैथी चिकित्सक एवं समाजसेवी डा. ज्ञान प्रकाश भारद्वाज का बीती रात संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। उनका शव क्लीनिक के बाहर कार में पाया गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है। चिकित्सक के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। बत्रा कालोनी निवासी होमियोपैथी चिकित्सक डा. ज्ञान प्रकाश भारद्वाज का आवास विकास मेन रोड में भारद्वाज होमियोपैथी नाम से क्लीनिक है। 48 वर्षीय डा. भारद्वाज समाजसेवा में अग्रणी रहते थे। इन दिनों भी वह लाॅकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद में लगे हुए थे।रोजाना की तरह बीते दिवस भी वह सुबह करीब दस बजे घर से निकल गये। उन्होंने अपनी कार क्लीनिक के ही बाहर खड़ी करी लेकिन वह नीचे नहीं उतरे। दिन भर वह कार में ही रहे। इस बीच किसी ने ध्यान नहीं दिया। ररात करीब 11 बजे किसी ने संदेह होने पर उन्हें देखा और मामले की सूचना पुलिस और उनके परिवार वालों को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डा. भारद्वाज को निकालकर निजी अस्पताल पहुंचाया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बताया गया है कि डा. भारद्वाजज का शव नीला पड़ चुका था। उनके निधन से परिवार में हड़कम्प मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी हैं। आज अपरान्ह गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया। डा. भारद्वाज आदित्यनाथ झा इंटर कालेज के भूतपूर्व चिकित्सक स्व. रामधारी भारद्वाज के पुत्र थे। डा. भारद्वाज प्रतिष्ठित चिकित्सक होने के साथ साथ समाजसेवी थी थे। कुष्ठ रोगियों के लिए समय समय पर निःशुल्क चिकित्सा कैम्प लगाने के साथ ही समय समय पर भंडारे आदि की सेवा में भी वह शिद्दत से लगे रहते थे। मिलनसार और हंसमुख होने के कारण उनकी समाज में अच्छी प्रतिष्ठा थी। डा. भारद्वाज पिछले दो दशक से अधिक समय से समाज सेवा के प्रति समर्पित थे। उन्होंने गुरुजी सेवा समिति के नाम से एक सामाजिक संस्था का भी गठन किया हुआ था, जिसके बैनर तले वह कई बार चिकित्सा शिविर लगाकर गरीबों की जांच और उन्हें मुफ्त में दवा देते थे। डा. ज्ञान प्रकाश भारद्वाज किच्छा रोड स्थित कुष्ठ आश्रम में पिछले दो दशक से कुष्ठ रोगियों की सेवा करते थे और उन्हें मुफ्त में दवा देने के साथ ही हर महीने में भण्डारे का भी आयोजन किया जाता था। गुरुजी सेवा समिति के बैनरतले उन्होंने बहुत से सामाजिक कार्यों में रुचि दिखाते हुए हमेशा से अपने को अग्रणी रखा। इन दिनों लाॅकडाउन के दौरान वह जरूरतमंदों को राशन के साथ ही मास्क सेनेटाइजर आदि का वितरण कर रहे थे। उनके निधन का समाचार मिलते ही आज क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। विभिन्न राजनैतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों ने उनके निधन पर शोक संवेदना प्रकट की।

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