भतीजे की कनपटी पर तानी बंदूक ,ब्लैकमेल कर मांगी 40 लाख की फिरौती
काशीपुर। व्यापारी नेता ने अपने रिश्ते के भतीजे को एडिटेड आपत्तिजनक वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करने की नियत से 40 लाख रूपयों की डिमांड की। रकम न मिलने पर बौखलाए आरोपी ने पीड़ित पर गोली चलाकर उसे मौत के घाट उतारने का सनसनीखेज प्रयास किया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी तथा उसके साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए उसकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए। घटना के बारे में पुलिस को तहरीर देकर रेलवे स्टेशन रोड निवासी प्रतीक अग्रवाल पुत्र शरद अग्रवाल ने बताया कि काशीपुर निवासी अनूप अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय केशव शरण अग्रवाल से उसकी पुरानी जान पहचान है। लगभग एक माह पूर्व एक भोग कार्यक्रम के दौरान उसकी मुलाकात जब अनूप अग्रवाल से हुई तो अनूप ने उसे 20 लाख रुपए उधार मांगे। असमर्थता जताने पर अनूप ने प्रतीक को धमकी दे डाली। शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बीते दिवस वह रामलीला ग्राउंड में रामलीला देखने गया था इस दौरान अनूप अग्रवाल से सामना होने पर अनूप ने प्रतीक को साइड में ले जाकर मोबाइल में एक आपत्तिजनक एडिटेड वीडियो दिखाया। आरोप है कि यह वीडियो दिखाकर अनूप अग्रवाल ने प्रतीक से 20 की बजाय 40 लाख रुपयों की डिमांड की और 15 दिन का समय दिया। इस बार फिर अनूप अग्रवाल द्वारा प्रतीक को रकम न देने के एवज में धमकी दी गई। हालिया घटना क्रम का जिक्र करते हुए शिकायत कर्ता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बीते 22 अक्टूबर की रात्रि लगभग 10ः00 बजे जब वह रामलीला ग्राउंड में अपनी गाड़ी पार्क करने के बाद फलोरी खा रहा था इसी दौरान अनूप अग्रवाल उसके बेटे अमोल अग्रवाल मनदीप क्षितिज राजू बाजवा आदि लाठी डंडे बंदूक पिस्टल समेत घातक हथियारों से लेस होकर वहां पहुंच गए और गाली गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि अमोल ने उसकी कनपटी पर बंदूक तान दिया। इस दौरान अनूप अग्रवाल ने अपनी गन से उस पर गोली चला दी। फायरिंग की घटना में वह बाल बाल बच गया। अफरा तफरी मचने पर सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। लेकिन जाते-जाते आरोपियों ने प्रतीक को मौत के घाट उतारने की धमकी दी इस घटना के बाद से प्रतीक तथा उसका परिवार अनहोनी की आशंका को लेकर दहशत में है। शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने उत्तफ व्यापारी नेता सहित 5 नामजद व अज्ञात खिलाफ धारा 147, 148, 149, 307, 323, 384, 504, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की गहन जांच पड़ताल शुरू कर दी।