20 दिनों में 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत: पशु चिकित्सकों की जांच में अनफिट पाए जा रहे हैं
देहरादून । विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2023 की शुरुआत 22 अप्रैल से हो गई है। इस बार जहां मौसम भी श्रद्धालुओं की कड़ी परीक्षा ले रहा है तो वहीं मौसम की कड़ी चुनौतीयों के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चारधाम की यात्रा शुरू हुए अभी सिर्फ 20 दिन ही हुए हैं कि 5 लाख से भी अधिक यात्रियों ने अब तक दर्शन कर लिए हैं।सरकारी आंकड़ों के मुताबिकए अभी तक 21 श्रद्धालुओं की मौत हार्टअटैक से हुई है। दूसरी ओरए केदारधाम की यात्रा को शुरू हुए 18 दिन का समय हो गया है। इन 16 दिनों में यात्रा मार्ग पर सेवा दे रहे 16 घोड़े.खच्चरों की मौत हुई है। इस बार घोड़े खच्चरों पर निगरानी रखने के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स, सात पशु चिकित्सक एवं सात पैरावेट (सहायक) की तैनाती की गई है. इसके अलावा पैदल मार्ग के 18 स्थानों पर घोड़े-खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था की गई है। अभी तक 8,320 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया गया है, जबकि 441 घोड़े-खच्चर अनफिट पाए गए हैं, जिन्हें वापस भेजा गया है।जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि घोड़े खच्चरों का संचालन इस बार सीमित संख्या में किया जा रहा है. रोटेशन के अनुसार ही घोड़े खच्चरों की आवाजाही करवाई जा रही है । जगह-जगह घोड़े खच्चरों के लिए पैदल मार्ग पर गर्म पानी के अलावा पशु चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इस बार घोड़े खच्चरों की मौतें कम हुई हैं. वहीं, नियम विरुद्ध चलने वाले 100 संचालकों के चालान और तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। 2022 की यात्रा की तुलना में घोड़े.खच्चरों की मौत का यह आंकड़ा बेहद कम है। 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए जानकीचट्टी से धाम तक पांच किमी पैदल रास्ते पर डंडी.कंडी और घोड़ा.खच्चरों का संचालन किया जाता है। इस बार करीब 4050 घोड़े.खच्चरों का पंजीकरण जानकीचट्टी में किया गया है। पशुपालन विभाग की ओर से इस बार घोड़ा.खच्चरों को जांच के बाद फिट पाए जाने पर ही यमुनोत्री धाम जाने की अनुमति दी जा रही है। जानकीचट्टी में औसतन प्रतिदिन 10 से 12 घोड़े खच्चर अनफिट पाए जा रहे हैं जिन्हें पशुपालन विभाग उपचार देने की बात कर रहा है। लेकिनए जानकी चट्टी में अनफिट घोड़ा.खच्चरों को सही उपचार नहीं मिल पा रही है और न ही संचालक उनकी उचित देखरेख कर रहे हैं। इसके कारण अभी तक 16 घोड़े.खच्चरों की मौत हो चुकी है। मुख्य पशु चिकित्सक डा- बीडी ढौंडियाल ने बताया कि मरने वाले पशुओं को विभाग ने पहले ही अनफिट बता दिया था। अभी तक 2709 घोड़ा.खच्चरों की जांच के साथ 262 को उपचार दिया जा चुका है। करीब 100 से 150 घोड़ा.खच्चर की प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है।