विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी
हल्द्वानी । विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी कर नगर के व्यापारियों द्वारा लाए जा रहे सामान की कलई आज तड़के उस समय खुलकर सामने आ गई जब स्वयं कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने जीएसटी चोरी कर भारी मात्रा में लाए जा रहे सामान को सरस बाजार में पकड़कर विभागीय अधिकारियों को तलब कर लिया। गौरतलब है कि नगर के कई ऐसे व्यापारी है जो बिना जीएसटी दिए सामान को चोरी छुपे शहर में ला रहे हैं। इस मामले में जीएसटी के अधिकारियों की भूमिका भी साफ तौर पर सामने आ गई है। कुमाऊं मण्डल आयुक्त द्वारा बिना जीएसटी शुल्क अदा किए सामान पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी तो आयुक्त के सामने खुद की लापरवाही को ढकने का असफल प्रयास करते रहे। वहीं इस औचक कार्रवाई से नगर के तमाम व्यापारियों में भी हडकंप मचा रहा। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह भी पहुंच गई। बताया जा रहा है कि आज तड़के कुमाऊं मण्डल आयुक्त दीपक रावत अचानक सरस बाजार पहुंचे वहां पर कई बोरों में अलग-अलग तरह का सामान पाया गया। बोरों पर नाम कुछ और ही लिखा हुआ था। सूचना मिलते ही जीएसटी अधिकारियों के साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह भी मायके पर आ गई। आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए भविष्य में सुधार लाने के सख्त निर्देश दिए। फिलहाल जीएसटी विभाग के अधिकारी सामान के बिल और सामान के वास्तविक स्वामी की तलाश में जुट गये है। कुमाऊं आयुक्त ने कहा की किसी भी तरीके के राजस्व की चोरी को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत द्वारा आज तड़के जीएसटी चोरी कर लाए गए सामान को पकड़े जाने के बाद तमाम टैक्स न देने वाले व्यापारियों की मुश्किलें कुछ दिन तक बढ़ गई हैं। जीएसटी चोरी कर व्यापारी रेल, रोडवेज व निजी बस से तो सामान लाते ही हैं। साथ ही ट्रांसपोर्ट कंपनी स्वामी व विभागीय मिलीभगत से भी रोजाना करोड़ों का सामान एक ही शहर में आ रहा है।