मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा: सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर आधारित है बजट

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चमोली(उद ब्यूरो)।ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया। उन्घ्होंने सदन में 77407.84 करोड़ का नया बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए समावेशी और नये उत्तराखंड के संकल्प का बजट पेश किया गया। बजट से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। इसके साथ बजट में कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, ग्रामीण विकास और रोजगार को महत्व दिया गया। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर आधारित यह बजट संतुलित, समावेशी और सभी वर्गों तक पहुंचने वाला है। यह बजट हमारे सशत्तफ उत्तराखंड 2025 के संकल्प को पूरा करने वाला है। बजट में अवस्थापना विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। वहीं कृषि, उद्यान, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यटन को भी महत्व दिया गया है। बजट में युवाओं की भी विशेष चिंता की गई है। रोजगार और स्वरोजगार का परिवेश बनाने पर बल दिया गया है। बजट में 50 हजार पॉलीहाउस में 200 करोड़ का प्रावधान किया है। एप्पल मिशन, कीवी मिशन का बजट बढ़ाया गया। बजट का केंद्र बिंदु उत्तराखंड का समग्र विकास है। इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए बजट का निर्माण किया गया है। सीएम ने कहा कि राज्य के विकास के लिए एक स्पष्ट सोच और चिंतन बजट में दिखाई देती है। सरकारी क्षेत्र में सीमित नौकरी है, जिससे बजट में स्वरोजगार और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रावधान किया गया। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार सरकार की प्राथमिकता है। उत्तराखंड तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। 77 हजार करोड़ से अधिक का बजट है। इसके साथ ही 4309 करोड़ का सरप्लस बजट वित्तीय प्रबंधन की कुशलता को बताता है। सीएम ने कहा कि जोशीमठ को नये स्वरूप में खड़ा करना सरकार का संकल्प है। बजट में आपदा प्रभावितों के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया है। केंद्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट समय पर खर्च करने के लिए हर महीने का कैलेंडर बनाया जाएगा। नया वित्त वर्ष शुरू होने पर अप्रैल में बजट व्यय को लेकर बड़ी बैठक बुलाई जाएगी। सदन में बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट खर्च करने के लिए समय सीमा तय होगी। इसके लिए हर महीने का कैलेंडर बनाया जाएगा। इसमें राजस्व प्राप्तियां और खर्च की समीक्षा की जा सकेगी। गौरतलब है कि साल दर साल राज्य के बजट का आकार बढ़कर 77407.08 करोड़ तक पहुंच गया है। लेकिन इसके साथ राज्य पर कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। यह विचित्र संयोग है कि जब आगामी वित्तीय वर्ष समाप्ति पर होगा तो राज्य पर 77 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका होगा। यानी यह बुधवार को पेश हुए बजट के तकरीबन बराबर होगा। सदन पटल पर पेश सरकार के वार्षिक वित्तीय विवरण से यह खुलासा हुआ है। 31 मार्च 2023 तक राज्य पर कर्ज 68844 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है। राज्य सरकार ने सशत्तफ उत्तराखंड का संकल्प लिया है। इस संकल्प के लिए जो उसने लक्ष्य तय किए हैं, उनकी बजट में झलक दिखाई भी दी है। लेकिन उद्योगपतियों, व्यापारियों से लेकर समाज के अंतिम पंत्तिफ पर खड़े व्यत्तिफयों, किसान, युवा, महिलाओं के विकास से जुड़ी प्राथमिकताओं को पूरा करने लिए सरकार को एक बड़ी पूंजी की आवश्यकता है। सदन में पेश हुए बजट पर जब गौर करते हैं तो यह सिर्फ इस रूप में अनूठा है कि पहली बार सरकार लक्ष्य आधारित विकास की ओर बढ़ रही है। पर्यटन राज्य में मानव संसाधन विकास, सेवा क्षेत्र को विस्तार देने वाले निवेश और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में सड़क, रोपवे और हवाई कनेक्टिविटी पर सरकार का खास फोकस है। लेकिन इस लक्ष्य साधने के लिए उसे केंद्र से 20893 करोड़ रुपये की दरकार है। राजस्व और पूंजीगत खर्चों को पूरा करने के लिए सरकार करीब 19460 करोड़ रुपये कर्ज लेगी। इसमें लोक )ण का हिस्सा 18 हजार करोड़ से अधिक का है। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन-भत्तों व पेंशन के लिए धनराशि जुटाने की है। एक साल में अकेले वेतन पर ही 18 हजार करोड़ और पेंशन पर 7601 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यानी सरकार को 26 हजार करोड़ से अधिक राशि इन मदों के लिए जुटानी होगी। सरकार की आमदनी में से 11,525 करोड़ रुपये पुराने कर्ज की किस्त लौटाने और 6166 करोड़ वर्षों से लगातार लिए जा रहे कर्ज का ब्याज चुकाने पर खर्च करने होंगे।

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