गुलदार का आतंक: गन्ने के खेत में बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ
नानकमत्ता। दादी के पीछे घर से निकली आठ वर्षीय बच्ची को गुलदार ने बनाया अपना निवाला। लापता होने के बाद भारी मशक्कत के बाद तीन घंटे बाद घर से 800 मीटर दूर गन्ने के खेत में बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ।
सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों में कोहराम मच गया।
बृहस्पतिवार को नानक सागर बैराज पार बसे ग्राम पंचायत देवीपुर के ग्राम चेतुआ खेड़ा निवासी वासुदेव की आठ वर्षीय पुत्री कमारी आनंदी जोशी गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के ही कक्षा चार की छात्रा है शाम 5:00 बजे अपनी दादी देवकी देवी के पीछे घर से निकली। घर से निकलते ही आनंदी लापता हो गई। उसको घर तथा आसपास ना दिखने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी। जानकारी मिलते ही ग्रामीण भी खोजबीन में जुट गए। ग्रामीणों ने प्रतापपुर चौकी इंचार्ज विजेंद्र कुमार एवं दक्षिणी जोला साल बन रेंज कार्यालय को भी अवगत कराया। सूचना मिलते ही चौकी इंचार्ज विजेंद्र कुमार पुलिस कर्मियों के साथ घटनास्थल पहुंच गए। और ग्रामीणों की मदद से लापता होने के 3 घंटे बाद आनंदी का शव घर से 800 मीटर पीछे देवीपुर फार्म के गन्ने के खेत में क्षत-विक्षत अवस्था में बरामद हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि आसपास गुलदार के पंजे के निशान थे। गुलदार ने मासूम आनंदी का सिर धड़ से अलग कर दिया था। बच्चे क मौत की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।दादा नारायण दत्त, दादी देवकी देवी, बहन रेखा का रो रो कर बुरा हाल है। आनंदी की मां मुन्नी देवी का पहले ही स्वर्गवास हो गया है। पिता मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। बच्ची के हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। भाजपा के पूर्व विधायक डॉक्टर प्रेम सिंह ने घटनास्थल में पहुंचकर परिजनों से शोक व्यक्त किया। और सरकार से हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई दिनों से गुलदार को देख गया हूं। ग्रामीण कई समय से वन विभाग से गुलदार को पकड़ने की मांग करते आ रहे हैं। ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गुलदार ने कई बार पशुओं पर हमला कर उन्हें मार दिया है। लेकिन विभाग ने समय रहते हुए कोई कदम नहीं उठाया है। वन विभाग कोई बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहे थे। जिससे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति रोष पनपता दिखाई दे रहा है।