उत्तराखण्ड बंद का मिला जुला असर: बाजार बंद रख पोस्टर बैनर लेकर सड़कों पर उतरे लोग

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देहरादून/हल्द्वानी/रूद्रपुर। अंकिता के हत्यारों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्ष दलों व संगठनों के उत्तराखंड बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कई जगह बाजार बंद रखे गए। वहीं लोग पोस्टर बैनर लेकर सड़कों पर उतरे और अंकिता को न्याय दिलाने की मांग की। उत्तराखंड क्रांतिदल के नेताओं ने रैली निकाली। जिन जगहों पर बाजार बंद नहीं थे वहां उन्होंने दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील की। उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड महिला मंच और कुछ अन्य संगठनों ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के विरोध में बाजार बंद का आहवान किया था। पौड़ी और चमोली जिले में बंद का व्यापक असर दिखा। गढ़वाल मंडल के अन्य जिलों में क्षेत्र विशेष में बंद का कुछ असर दिखा। कई जगह धरना- प्रदर्शन भी किए गए। अंकिता भंडारी हत्याकांड के खिलाफ उत्तराखंड बंद का आहवान ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह सफल रहा। शहरी क्षेत्र में बंद का मिलाजुला असर देखा गया। जनपद पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत यमकेश्वर प्रखंड में नीलकंठ महादेव मंदिर बाजार सहित लक्ष्मण झूला- स्वर्गाश्रम बंद रहा। दून में बंद को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने शहरवासियों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। उन्होंने बताया कि बंद के आहवान को देखते हुए कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नौ सुपर जोन, 21 जोन और 43 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। उधर मसूरी में दोपहर 12 बजे तक बाजार बंद रहे।
हल्द्वानी -अंकिता व जगदीश हत्याकांड के विरुद्ध 2 अक्टूबर को आहूत संयुक्त बंद के समर्थन में भाकपा माले ने कार रोड बिन्दुखत्ता में जुलूस प्रदर्शन कर राज्य सरकार का पुतला दहन किया।पुतला दहन से पूर्व कार रोड चौराहा पर हुई नुक्कड़ सभा में बोलते हुए भाकपा माले के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 उत्तराखंड के लिए हमेशा काले दिन के रूप में दर्ज रहेगा. मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को राज्य बनने के 22 वर्ष बाद भी सजा नहीं मिल पाई। आज भाजपा की डबल इंजन सरकार के दौर में अंकिता व जगदीश हत्याकांड इस बात के साक्षी हैं कि समाज के कमजोर तबके भाजपा राज में सुरक्षित नहीं है।वक्ताओं ने अंकिता मामले में अभियुक्तों को कड़ी सजा देने,आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, उत्तराखंड में लगातार बढ़ते महिला अपराधों पर रोक लगाने के कारगर उपाय करने, इस मामले में लापरवाही के लिए जिम्मेदार पौड़ी जिले के जिलाधिकारी को निलंबित करने, अवैध रूप से चल रहे रिसॉर्टों की जांच करने के साथ ही ऐसे रिसॉर्टों को परमीशन देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने आदि की मांग की गई।जुलूस प्रदर्शन व पुतला दहन करने वालों मे भाकपा माले राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा, वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, आनंद सिंह नेगी, भुवन जोशी, डॉ. कैलाश पांडेय, ललित मटियाली, विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, इमाम, चन्दन राम, कमल जोशी, गणेश दत्त पाठक, बचन सिंह, राजू भट्ट, इनाम अली, सुशीला थापा, हरीश भंडारी, इरशाद अली, बिशन दत्त जोशी, निर्मला शाही, ललित जोशी, आनंद दानू, मनोहर शाह, राजेन्द्र, धन सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
रूद्रपुर-उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद ने आज अंकिता हत्याकाण्ड के विरोध में आयोजित उत्तराखण्ड बंद को अपना समर्थन देते हएु काला दिवस मनाया। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद एवं देवभूमि पलायन एवं बेरोजगारी उन्मूलन समिति के लोग आज गांधी पार्क में एकत्र हुए यहां उन्होंने उत्तराखण्ड बंद को समर्थन देते हुए उपवास रखा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि भ्रष्टाचारमुक्त उत्तराखण्ड की परिकल्पना की गयी थी लेकिन राज्य गठन के बाद सत्ताधारी नेताओं, नौकरशाहों, माफियाओं के गठजोड़ ने उत्तराखण्ड की जनता के अधिकारों का सुनियोजित तरीके से हनन किया। माफिया तंत्र पूरी तरह से प्रदेश में हावी हो चुका है। मुजफ्फरनगर कांड के दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण मुजफ्फरनगर काण्ड के शहीदों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड ने उत्तराखण्ड की लचर व्यवस्था को उजागर किया है। इस दौरान अंकिता के हत्यारो ंको फांसी, अभियुक्तों की संपत्ति की जांच, भू अध्यादेश लागू करने, महिला आरक्षण, स्थाई राजधानी गैरसैंण आदि मांगों को लेकर ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। इस दौरान अवतार सिंह, नरेश चन्द्र, अनिल जोशी समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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