डिबेट में फिसली आप नेता भूपेश उपाध्याय की जुबान: पहाड़ से दिल्ली भेज देना नौकर और ड्राईवर!

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गणेश गोदियाल और मदन कौशिक के बाद हरदा का हमलाः वीरता और शौर्य को भूल गयी आप,राज्य से मांगे मांफी
देहरादून। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय की एक टीवी चैनल की डिबेट में अमायार्दित टिप्पणी करने से राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। इतना ही नहीं हरिद्वार में आयोजित मीडिया डिबेट के लाईप प्रसारण के दौरान उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और सत्ताधारी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष गणेश उपाध्याय को एक मंच पर बुलाया गया था। इस दौरान उत्तराखंड में बेरोजगारी के मुद्दे पर बहस शुरू हो गई जबकि आम आदमी पार्टी के स्पोकपर्सन के रूप में गणेश उपाध्याय ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि दिल्ली जैसे विकसित राज्य की तुलना में उत्तराखंड हर क्षेत्र में पिछड़ गया है। आज यहां के लोगों के प्रति दिल्ली के लोगों की मानसिकता यह है कि वह कहते है पहाड़ से कोई नौकर भेज देना कोई ड्राईवर भेज देना। यह हाल प्रदेश में सत्ता पर बैठने दलों ने बनाया है। वहीं आप नेता की इस टिप्पणी को उत्तराखंड के लोों का अपमान बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विरोध शुरू कर दिया जबकि उनके समर्थन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी खड़े हो गये है। माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले के लिये आप नेताओं को बेलगाम बयानबाजी महंगी पड़ सकती है। इससे पूर्व भी आम आदमी पार्टी की एक महिला प्रवक्ता ने उत्तराखंड के लोगों की मानसिकता पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि यहां के लोग आवारा कुत्ते की तरह है। बहरहाल आप नेता की विवादित टिप्पणी पर सियासी दल भाजपा और कांग्रेस ने विरोध के स्वर तेज कर दिया है।पहाड़ के लोगों की छवि पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर अब सोशल मीडिया पर आप नेता का बयान तेजी से वायरल हो रहा है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिये आप नेता के बयान पर सवाल खड़े किये है। उन्होंने लिखा है कि कि आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष ने उत्तराखंड वासियों पर एक बहुत ही अपमानजनक टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, आप नेता यह भूल गए कि दिल्ली और देश में उत्तराखंड का मतलब गोविंद बल्लभ पंत भी है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी है। उसका अर्थ वीरता और शौर्य की दुनिया में आज भी प्रतीक माने जाने वाले जसवंत सिंह रावत से भी है। उसका अर्थ कई ऐसे शीर्ष पदों पर विद्यमान उत्तराखंडी भी हैं। सीमाओं के रक्षक व राष्ट्र निर्माण में लगे हुए उत्तराखंडी भी हैं। हमें गर्व है कि हमको लोग एक भरोसे के लायक समझकर अपने घरों में भी स्थान देते हैं और अपनी सुरक्षा भी सौंपते हैं। लेकिन जिस रूप में आप पार्टी के अध्यक्ष ने कहा उसके लिए आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड के लोगों से क्षमा मांगनी चाहिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने आप नेता उपाध्याय के बयान के बहाने आम आदमी पार्टी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आप का यही चरित्र है। आप ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर भी देश और सैनिकों का अपमान किया था। आप नेता का बयान बेहद अफसोसजनक है। इसके लिए आम आदमी पार्टी को भी माफी मांगनी होगी। पार्टी ने तय किया है कि आप यदि माफी नहीं मांगेंगी तो भाजपा का कोई नेता उनके साथ डिबेट में शामिल नहीं होगा। यानी माफी न मांगने पर भाजपा आप नेताओं के साथ होने वाली डिबेट का बायकाॅट करेगी। प्रदेश कांग्रेस गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने भी आप के कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय से माफी मांगने की मांग की। कहा कि सारे दलों में अपना वजूद तलाशने के बाद मुश्किल से चार दिन पहले आप में शामिल हुए भूपेश उत्तराखंड और उत्तराखंड के गौरवशाली पुरुष और महिलाओं का इतिहास क्या जानें। पहाड़ के आदमी की आज की तारीख में जो वेल्यू बनी हुई है, लोग कहते हैं कि मेरे घर के लिए नौकर भेज देना। लोग कहते हैं कि मेरे घर के लिए ड्राइवर भेज देना।
मैंने उत्तराखंड की अस्मिता नहीं कांग्रेस व भाजपा के शासन पर सवाल उठाए थे: भूपेश
देहरादून। मीडिया चैनल के डिबेट के दौरान विवादित बयान देने के आरोपों पर भूपेश उपाध्याय ने पलटवार करते हुए कहा कि मैंने उत्तराखंड की अस्मिता नहीं, बल्कि कांग्रेस व भाजपा के 20 सालों के निक्कमेपन के शासन पर सवाल उठाए थे। मेरी बात का गलत मतलब निकाल कर दोनों दल मुद्दा बना कर आप पार्टी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। भूपेश उपाध्याय ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने पिछले 21 सालों से इस प्रदेश के युवाओं से खिलवाड़ किया। देहरादून से पहाड़ों तक नौकरियां, पेट्रोल पंप, खनन पर नेताओं और उनके परिजनों व रिश्तेदारों का वर्चस्व है। उत्तराखंड के लिए शहादत देने वाले परिवारों, पहाड़ के गरीब मां-बाप के बच्चों को मजबूरन रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है। मैंने कहा था कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड को लेकर ऐसा माॅडल बनाना चाहती, जहां बच्चे डाॅक्टर व इंजीनियर बनें, उनके जो सपने हों वो पूरे हों। ऐसा सपनों का उत्तराखंड हम बनाना चाहते हैं। इन दोनों पार्टियों के पास न उत्तराखंड के लिए विजन है न रोजगार देने की योजना है। मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे उत्तराखंड अपमानित हुआ है। दोनों दलों ने 20 सालों तक उत्तराखंड में राज किया। उनके राज के निक्कमेपन और नकारापन पर सवाल उठाया था, जिसका खामियाजा उत्तराखंड के युवा भुगत रहे हैं।

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