गौरवान्वित हुआ उत्तराखंड: वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया बने गोवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

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नैनीताल। हाइकोर्ट नैनीताल के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया के चीफ जस्टिस गोवाहाटी हाईकोर्ट के लिए सिफारिश से एक बार फिर उत्तराखंड गौरवान्वित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया सहित पांच न्यायाधीशों को अलग-अलग राज्य में मुख्य न्यायाधीश बनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया को गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने के अलावा उड़ीसा, तेलंगाना, मद्रास और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस भी घोषित किए हैं। उत्तराखंड के संवेदनशील व न्यायप्रिय जस्टिस धूलिया राज्य के तीसरे न्यायाधीश हैं,जो चीफ जस्टिस बनाए जा रहे हैं। इससे पहले जस्टिस पीसी पंत व जस्टिस विजय कुमार सिंह बिष्ट भी चीफ जस्टिस तक पहुंचे हैं। उनके चीफ जस्टिस होने से अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों में उत्साह है। मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाउन के समीप बदलपुर निवासी महान स्वतंत्रता सेनानी व विधायक रहे भैरव दत्त धूलिया के तीन पुत्रों में एक जस्टिस की पहचान उत्तराखंड हाईकोर्ट में ईमानदार व हिंदी भाषी अधिवक्ताओं को प्रोत्साहन देने वाले जज के रूप में रही है । जस्टिस धूलिया के पिता भैरब दत्त धूलिया 1967 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में लैंसडाउन सीट से विधायक रहे हैं। उनकी माता सुमित्रा धूलिया इलाहाबाद में शिक्षिका रही हैं। जस्टिस धूलिया के पिता भी इलाहाबाद में नामी वकील रहे हैं। उनके एक भाई तिग्मांशु धूलिया बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक हैं। प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो शेखर पाठक के अनुसार जस्टिस धूलिया को बचपन से ही थियेटर से लगाव रहा है। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान रामपुर तिराहा कांड मुजफ्फरनगर में दोलनकारियों के साथ जुल्म के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में लड़ी गई कानूनी जंग में जस्टिस धूलिया बतौर अधिवक्ता अग्रणी पंक्ति में थे। धूलिया की मजबूत पैरवी की बजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रवि धवन द्वारा रामपुर तिराहा कांड की सीबीआई जांच के आदेश होने के साथ ही पीड़ितों को मुआवजा देने के आदेश पारित हुए थे।उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति धूलिया नवंबर 2008 को उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए जबकि उन्हें अलग राज्य उत्तराखंड का पहला मुख्य स्थाई अधिवक्ता होने का गौरव हासिल हैं।

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