परिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहब डा. अम्बेडकर को किया न मन
रूद्रपुर । महानगर कांग्रेस कमेटी ने देश के पूर्व कानून मंत्री भारत रत्न से सम्मानित देश के संविधान का निर्माण करने वाले डाॅक्टर भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा ने कहा कि डाॅक्टर भीमराव अंबेडकर ने हमारे देश का संविधान लिखा था जिसमें सभी जाति धर्म और सभी वर्गों का बराबर सम्मान किया और देश के हर नागरिक को समान अधिकार दिया ऐसे महापुरुष को कांग्रेस पार्टी नमन करती है। पूर्व पालिका अध्यक्षा श्रीमती मीना शर्मा ने कहा कि डाॅक्टर भीमराव अंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री थे और उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का संविधान लिखा डाॅक्टर अंबेडकर ने देश के सबसे निचले स्तर के व्यत्तिफ को भी ऊपर लाने का पूर्ण प्रयास किया और सभी धर्म जाति वर्ग को संपूर्ण अधिकार दिए इसकी वजह से ही हमारा देश तरक्की कर पाया जिसको पूरा देश हमेशा याद रखेगा और पूरी कांग्रेस पार्टी ऐसे महापुरुष को कोटि-कोटि नमन करती है। इस मौके पर वरिष्ठ नेता अनिल शर्मा, महामंत्री राजीव कामरा, महेंद्र सिंह, अजय यादव, रवि कठेरिया, पूर्व सभासद इंद्रजीत सिंह, जितेंद्र सागर, पवन गाबा पल्ली, जयपाल सागर चंद्रप्रकाश सागर, महेंद्र सागर विजय सिंह, रामचंद्र सागर, प्रेम कोली, ओम प्रकाश कोली आदि कार्यकर्ता शामिल थे। वहीं भारत रत्न बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला अंशु के नेतृत्व एवं व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा की अध्यक्षता में बाबा साहेब अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक शुक्ला अंशु नें कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर नें जीवन पर्यंत समाजोत्थान का कार्य एक मिशन के रूप में किया।उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों ;दलितोंद्ध से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर जनतंत्र को एक जीवन पद्धति के रूप में भी स्वीकार करते हैं, वे व्यत्तिफ की श्रेष्ठता पर बल देते हुए सत्ता के परिवर्तन को साधन मानते हैं। वे कहते थे कि कुछ संवैधानिक अधिकार देने मात्र से जनतंत्र की नींव पक्की नहीं होती। उनकी जनतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना में ‘नैतिकता’ और ‘सामाजिकता’ दो प्रमुख मूल्य रहे हैं जिनकी प्रासंगिकता वर्तमान समय में बढ़ जाती है। दरअसल आज राजनीति में खींचा-तानी इतनी बढ़ गई है कि राजनैतिक नैतिकता के मूल्य गायब से हो गए हैं। कांग्रेस जिला महासचिव सुशील गाबा नें कहा कि डाॅअम्बेडकर भारतीय समाज में स्त्रियों की हीन दशा को लेकर काफी चिंतित थे। उनका मानना था कि स्त्रियों के सम्मानपूर्वक तथा स्वतंत्र जीवन के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। अम्बेडकर ने हमेशा स्त्री-पुरुष समानता का व्यापक समर्थन किया। यही कारण है कि उन्होंने स्वतंत्र भारत के प्रथम विधिमंत्री रहते हुए ‘हिंदू कोड बिल’ संसद में प्रस्तुत किया और हिन्दू स्त्रियों के लिए न्याय सम्मत व्यवस्था बनाने के लिए इस विधेयक में उन्होंने व्यापक प्रावधान रखे। इस दौरान पूर्व सभासद इंदरजीत सिंह, गदरपुर व्यापार मंडल कोषाध्यक्ष राजू सीकरी, पप्पू गाबा, युवा व्यापार मंडल महामंत्री पवन गाबा पल्ली, उपस्थित थे।