अफरोज जहां की मौत, आधी हकीकत आधा फसाना!
4 जुलाई को भोगपुर डैम में मिली थी लाश, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
मनोज श्रीवास्तव
काशीपुर। हत्या व आत्महत्या के बीच उलझी अफरोज के मौत की गुत्थी क्या वास्तव में कभी सुलझ पायेगी! या फिर बगैर इंसाफ महिला की मौत पर पर्दा डाल दिया जायेगा। यह सवाल मृतका के परिजनों समेत लोगों के जेहन में लगातार कौंध रहा है। अफरोज की मौत ने अपने पीछे तमाम ऐसे सवाल छोड़ दिए जो आज भी यक्ष प्रश्न है। गौरतलब है कि बीते 2 जुलाई को रामनगर वन जसपुर निवासी 30 वर्षीय अफरोज जहां पिता रिफाकत हुसैन के साथ खेतों पर काम करने गई। इस दौरान वहां से थोड़ी दूर पर स्थित एक मजार पर चली गई लेकिन वापस नहीं लौटी। मां खोजबीन के बाद बाद देर रात तक जब उसका कहीं कोई पता नहीं चला दूसरे दिन पतरामपुर चौकी पुलिस इसकी इत्तला की गई। पुलिस गायब महिला महिला का पता लगाने में जुटी थी इसी दौरान 4 जुलाई को स्थानीय लोगों ने भोगपुर डैम में एक महिला की लाश देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी। शव कब्जे में लेने के बाद इसने उसकी पहचान अफरोज जहां के रूप में की में की। पुलिस की प्रथम दृष्टया पड़ताल में में में मृतका के सिर से बाल गायब थे। उसका कान भी नहीं था। कपडे फटे पाए गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण पानी में डूबना बताया गया लेकिन यह बात मृतका के परिजनों को हजम नहीं हो रही है। मृतका के परिजनों का आरोप है कि गांव के ही कुछ युवकों ने उसकी हत्या करने के बाद लाश को पानी में फेंक कर कर उसे आत्महत्या का रंग देने का प्रयास किया। विनीता के पिता का आरोप है कि बीते 25 मई को उसकी पुत्री जियारत पर जाने के लिए घर से निकली। रास्ते में मौका पाकर गांव की ही एक युवक ने उसे जबरदस्ती अपनी ने उसे जबरदस्ती अपनी अपनी गाड़ी में बैठा लिया और पीली डैम के जंगल में ले गया। वहां जोर जबरदस्ती करते हुए शोर मचाने पर वन गुर्जरों ने महिला को बदमाशों के चुंगल से छुड़ाया। इस मामले में गांव में पंचायत के दौरान आरोपी युवकों ने माफी भी मांगी थी लेकिन उनके मन में अफरोज जहां के प्रति कसक रह गई। मृतका के पिता का आरोप है कि उसके पुत्री ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी पड़ोस के युवकों द्वारा सुनियोजित तरीके से हत्या की गई। उसका आरोप है कि जसपुर पुलिस इस मामले में अभियोग दर्ज करने से कतरा रही है।
मृतका के परिजनों एएसपी से लगाई गुहार
काशीपुर। अफरोज जहां की मौत के मामले में इंसाफ को लेकर आज मृतका के परिजनों ने अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का रुख किया। उन्होंने बताया कि किसको पुलिस इस मामले इस मामले में सुनवाई नहीं कर रही है। बेटी की मौत के बाद मृतका की मां की आंख के आंसू सूख चुके हैं। एएसपी कार्यालय के समक्ष न्याय की आस लगाए वृद्धा ने कहा कि उसकी बेटी के दो मासूम बच्चे हैं जिनके सिर से मां का साया असमय ही उठ गया। ऐसे में यदि यदि अपराधी खुली हवा में घूमते रहे तो उसके परिवार के साथ भी अनिष्ट हो सकता है।