गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर,पत्नी और बेटे को भी पुलिस ने पकड़ा
विकास दूबे की पत्नी और बेटे को भी पुलिस ने पकड़ा
कानपुर(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो)। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मास्टरमाइंड विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया गया है। एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए विकास दुबे की मौत हो गई है। इस एनकाउंटर में चार पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार का कहना है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस वालों का हथियार छीनकर भाग निकला। उसे सरेंडर करने का मौका दिया गया था, लेकिन विकास दुबे ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई है। एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा कि जैसे ही गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ, विकास दुबे घायल पुलिसकर्मी का पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस ने कई बार उसे सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को सीने और कमर में गोली लगी। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हमने फायरिंग की आवाज सुनी थी। गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हुआ था। इसके बाद पुलिस ने हमें भगाने की कोशिश की। हम वहां से हट गए। हम लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी थी। विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कानपुर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, 5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किये जाने के बाद पुलिस और एसटीएफ टीम आज कानपुर नगर ला रही थी। कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। विकास दुबे और पुलिसकर्मी घायल हो गया। कानपुर पुलिस के मुताबिक, इस दौरान विकास दुबे ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा। पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की। इस दौरान विकास दुबे घायल हो गया। पुलिस के अनुसार, घायल विकास दुबे को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान विकास दुबे की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से कल विकास दुबे पकड़ा गया था। उसकी गिरफ्तारी बड़े फिल्मी अंदाज में हुई थी। उज्जैन पुलिस की माने तो विकास दुबे महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचा था। पहले माली को शक हुआ, फिर मंदिर के गार्ड ने विकास दुबे की पहचान की। इसके बाद स्थानीय पुलिस को बुलाया गया, जिसकी पूछताछ में पहले विकास दुबे ने अपना नाम शुभम बताया, लेकिन बाद में खुद को घिरा देखकर उसने चिल्लाया कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और देर रात उसे यूपी एसटीएफ को सौंप दिया गया।कानपुर के बिकारू गांव के रहने वाले विकास दुबे पर आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का आरोप था। पुलिस टीम उस पर दबिश देने गई थी, तभी पहले से घात लगाए विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला बोल दिया था। 200 से 300 राउंड फायरिंग की गई थी। इस दौरान सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या के बाद विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हो गए थे। विकास दुबे की तलाश में पूरे प्रदेश को छावनी में बदल दिया गया था। घटना के 6 दिन बाद विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था।
विकास दूबे की पत्नी और बेटे को भी पुलिस ने पकड़ा
लखनऊ। विकास दुबे की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद बृहस्पतिवार रात एसटीएफ ने नाटकीय घटनाक्रम में उसकी लापता पत्नी ऋचा दुबे और बेटे को नौकर समेत दबोच लिया। सूत्रें का कहना है कि ऋचा के पकड़े जाने की सूचना पर कानपुर पुलिस भी लखनऊ पहुंच गई। हालांकि, देर रात तक पुलिस तीनों के पकड़े जाने से अनभिज्ञता जताती रही। उधर, कानपुर पुलिस तीनों को लेकर रवाना हो गई। अब आगे की कार्रवाई कानपुर में ही की जाएगी। एसटीएफ सूत्रें ने बताया कि विकास जब बिकरू में पुलिसकर्मियों का खून बहा रहा था तब उसकी पत्नी ऋचा कृष्णानगर की इंद्रलोक कॉलोनी वाले घर पर थी। रात करीब दो बजे पति से बातचीत के बाद वह बेटे को लेकर घर से निकल गई। लखनऊ पुलिस और एसटीएफ की टीमें उसकी तलाश कर रही थीं। इस बीच विकास के पकड़े जाने के बाद रात करीब आठ बजे ऋचा और उसके बेटे व नौकर को भी पुलिस ने दबोच लिया। सूत्रें का कहना है कि ऋचा के साथ तीन और लोग थे, जिसमें से एक भाग निकला। चौथा कौन था? इस बारे में पूछताछ की जा रही है। हालांकि यह पता नहीं चल सका कि वह अब तक कहां रही? किसने शरण दी? सूत्रें ने बताया कि मंगलवार शाम विकास के घर की तलाशी में करोड़ों रुपये के लेनदेन के कागजात मिले हैं। विकास ने करीब 65 लोगों के नाम लिखे हैं जिनसे उसे 35,000 रुपये से 15 लाख रुपया तक का लेनदेन हुआ था। इसमें 12 नाम ऐसे हैं जिनकी उसने शादी-ब्याह अथवा बीमारी के दौरान उपचार के लिए आर्थिक मदद की थी। 35 लोगों से उसे रुपया लेना था। करीब 10 जगह से उसे तीन करोड़ रुपये भी आने थे। पुलिस ने सूची एसटीएफ को भी सौंपी है।