इस विपदा की घड़ी में कहां है राजनैतिक संगठनों के लोग

समाजसेवियों और राधा स्वामी सत्संग घर के प्रयासों की हो रही सराहना

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रूद्रपुर। पूरा विश्व कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। अब तक देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से 27 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 11 सौ लोग इस संक्रमण की चपेट में हैं। कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और प्रधानमंत्री की अपील के बाद देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। जिसके चलते देश के करोड़ों लोग अपने घरों में कैद हो गये हैं। उत्तराखण्ड में भी जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। इन 21 दिनों में घरों में रह रहे जो समर्थवान परिवार है। वह तो अपना जीवन यापन कर रहे हैं लेकिन ऐसे हजारों लोग है। जो इस संकट के समय में रोजी रोेजी को मोहताज हो चुके हैं और पलायन करने को मजबूर हैं। इस विषम परिस्थितियों में कहां है वह राजनैतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग जो सालभर जनहित के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाकर अखबारों में अपनी बड़ी-बड़ी फोटोएं चस्पा करातें है और जनता को यह संदेश देते हैं कि मानों उनसे बड़ा कोई विकास पुरूष और जनता की सेवा करने वाला कोई नेता बचा ही न हो। लेकिन ऐसे कठिन समय में रूद्रपुर शहर में भी सैकड़ों ऐेसे परिवार है जो दैनिक मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं लेकिन इस समय उनके समक्ष सबसे बड़ा संकट भोजन का है तो ऐसे में शहर के सामाजिक संस्थाए उनकी मदद करने के लिए सबसे आगे खड़ी हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से भी हर सम्भव मदद का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस अपने स्तर से हर भूखे को खाने का पूरा प्रयास कर रही है। शहर की कई धार्मिक संस्थाएं इस काम में जुटी हुई हैं। राधा स्वामी सत्संग व्यास की ओर से लगभग ढाई हजार लोगों के लिए प्रतिदिन सुबह शाम दो समय का खाना तैयार किया जा रहा है और उनके भवन में पलायन कर रहे लोेगों के लिए रहने की व्यवस्था भी की जा रही है। गुरूद्वारा कमेटी की ओर से भी ऐसे लोगों की दिल खोलकर मदद की जा रही है। आरएसएस के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर मजदूरों को भोजन उपलब्ध करा रहे है। उनके अलावा श्री अग्रवाल सभा भी पात्र लोगों के लिये भोजन की व्यवस्था करवा रही है। नगर के कई समाजसेवी गौरव आहुजा,जसविन्दर सिंह खरबंदा, विजय भूषण गर्ग,जेबी सिंह,ललित मिगलानी,शिव अरोरा,राजेश जग्गा,सीए हरनाम चैधरी,राजकुमार जैन,अर्जुन गुप्ता,डा0अशोक गर्ग,गौरव खुराना,डा- अनुराग गर्ग,डा- शाहखान राज शाही,किरन विर्क,नरेन्द्र अरोरा,रवि सिडाना,सुधाांशु गाबा,संजय राधू,मोहन खेड़ा,प्रकाश चन्दोला आदि लोग प्रशासन के साथ मिल पात्र लोगों की मदद कर रहे है। इसके विपरीत नगर के अधिकांश जनप्रतिनिधि इस समय नजर नही आ रहे है। नगर निगम के चुनाव के दौरान जनता का सेवक बनने का नारा देकर लगभग कई लोगों ने मेयर और पार्षद पद की दावेदारी ठोंकी थी। लेकिन अब यह जनता के सेवक दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे। नगर निगम के पार्षदों की बात करें तो इक्का-दुक्का अपवाद छोड़कर इस समय पार्षद भी कहीं नजर नही आ रहे। जबकि उन्हे अपने क्षेत्र के लोगों की सटीक जानकारी होती है और वह पात्र लोगों तक भोजन या खाद्यय सामग्री पहुंचा सकते है। इसके साथ ही भाजपा-कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता अपने घरों में बैठकर टेलीविजन पर कोरोना वायरस से सम्बन्धित खबरे देखकर सम्भवतः मोबाइल के माध्यम से भूख से बिलखती जनता को जागरूक कर हैं। लेकिन इस समय जागरूकता से जरूरी शहर की मलिन बस्तियों में रह रहे लोगों को भोजन उपलब्ध कराना है। नगर में व्यापारियों के हित का दम भरने वाले दो-दो व्यापार मण्डल है लेकिन मजबूर लोगों तक उनके द्वारा किये जा रहे प्रयास कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ व्यापारी नेता तो होम डिलीवरी के नाम पर फोटो खिचवा कर अपने घरो में जा बैठे। हालांकि व्यापार मण्डल से जुड़े पदाधिकारी अपने निजी प्रयासों से लोगों की सहायता कर रहे हैं। यही नही इन लोगों द्वारा पात्र लोगों को निःशुल्क राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। बहरहाल संकट से पूर्व हमेशा जनता की चैखट पर दस्तक देने वाले जनप्रतिनिधि संकट के समय उनके साथ कहीं नजर नही आ रहे जो एक सामााजिक चिंता का विषय है।
-सुनील राणा

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