आरबीआई ने ईएमआई चुकाने के लिए दी तीन महीने की रियायत

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नई दिल्ली(उद ब्यूरो)। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। त्ठप् ने आज सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ अन्य वित्तीय संस्थानों को टर्म लोन की किस्त तीन महीने तक टालने को कहा है। आरबीआई ने अपने बयान में कहा है, सभी कॉमर्शियल, क्षेत्रीय, ग्रामीण, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को किस्त के भुगतान पर 3 महीने का मोरैटोरियम देने की अनुमति दी जाती है। यह वैसे सभी लोन के लिए प्रभावी होगी जिनकी ईएमआई 31 मार्च को जानी है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सेवानिवृत्त एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एस सी कालिया ने इस मोरैटोरियम का मतलब समझाते हुए कहा कि मान लीजिए किसी व्यक्ति ने होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लिया हुआ है। वह तीन महीने तक ईएमआई देने की स्थिति में नहीं है। त्ठप् ने जो व्यवस्था अभी की है उसके अनुसार, तीन महीने तक ईएमआई न देने पर ग्राहकों के ऊपर न तो कोई पेनाल्टी लगेगी और न ही इससे उनका सिबिल स्कोर ही प्रभावित होगा। हां, इस वजह से उनके लोन चुकाने की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ जाएगी। आरबीआई के इस कदम से लाखों ईएमआई देने को बड़ी राहत मिलेगी। खास तौर से उन लोगों को जिनका अपना कारोबार है और कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के कारण जिनकी कमाई अनिश्चित हो गई है। इसका मतलब हुआ कि अगर आपने किसी बैंक से कर्ज लिया है और हर महीने उसकी ईएमआई देते हैं और किसी कारणवश उसकी ईएमआई मौजूदा परिस्थितियों में तीन महीने तक नहीं दे पाते हैं तो आपका सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा। आप तीन महीने बाद से अपनी ईएमआई फिर से शुरू कर सकते हैं। आपको बता दें कि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0-75 फीसद की कटौती की है। रेपो रेट घटकर 4-4 फीसद के स्तर पर आ गया है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट में 90 आधार अंकों की कटौती की गई है और यह 4 फीसद के स्तर पर आ गया है।

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