सदन में गूंजा रोडवेज बसों की खरीद का मुद्दा

विपक्ष ने लगाया 150 नई बसों की खरीद में घोटाले का आरोप

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देहरादून(उद संवाददाता)। विधानसभा सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर रोडवेज की नई बसों की खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुये जमकर हंगामा काटा। विपक्ष का आरोप था कि सरकार द्वारा खरीदी गई बसें कुछ ही दिनों में मरम्मत के कगार पर आ गई हैं। विधानसभा सत्र की कार्यवाही जैसे ही आज शुरू हुई तो विपक्ष की नेता इन्दिरा हृदयेश, प्रीतम सिंह, करन मेहरा, हरीश धामी ने आरोप लगाते हुये कहा कि परिवहन विभाग द्वारा जो रोडवेज की 150 नई बसें खरीदी गई है, उसमें भारी गोलमाल है जिसकी जांच करना आवश्यक है। विपक्ष ने सदन में इस पर नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग करते हुये कहा कि रोडवेज की नई बसें जो खरीदी गई है उसमें भारी घपला है। बसों की खदीद के कुछ ही दिनों के उनकी स्क्रीन, गियर बाॅक्स समेंत अन्य कमियां आई है, नई बसों में इस तरह की खामियों से बस में सवार यात्रियों पर खतरा मंडरा रहा है। विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर सदन में विस्तृत चर्चा कराने की मांग की लेकिन विधानसभाध्यक्ष ने इस मुद्दे को नियम 58 में लेने का भरोसा दिया जिसके बाद विपक्ष शांत हो गया। सत्र के दौरान आज सदन में नेताजी और गांधी जी को लेकर भी जमकर हंगामा हुआ। कैबिनेट सुबोध उनियाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की तारीफ करते-करते नेताजी और गांधी पर कटाक्ष कर गए। सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रीतम सिंह और इंदिरा अच्छे हो सकते हैं, लेकिन नेता जी और गांधी जी प्रीतम और इंदिरा जैसे नहीं हो सकते। गांधी और नेताजी का नाम आने पर कांग्रेस ने सदन में हंगामा काटा। कांग्रेस गांधी और नेताजी के नाम सदन में आने से आक्रोशित हो गई। कांग्रेस के विरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोनों नाम हटाने के निर्देश दिए। उप नेता सदन करण मेहरा ने सदन की कार्रवाई से नाम हटाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का बयान पूरी तरह गलत है। खुद को घिरता देख सुबोध उनियाल ने मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने महात्मा गांधी और नेताजी पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि नेताजी से उनका आशय हरीश रावत और गांधी से राहुल गांधी से था।

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