एनआरसी के मुद्दे पर राजनीति कर रही है भाजपाः महाजन

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दिनेशपुर। नागरिकता कानून में संशोधन कर देश की बड़ी आबादी के साथ भाजपा धोखा कर रही है। लोगों को जाति के आधार पर बांटने का काम हो रहा है। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के मध्यनजर भाजपा एनआरसी के मुद्दे को भुनाना चाहती है। यह बात पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रेमानन्द महाजन ने प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एनआरसी की कार्यवाही शुरू कर दी है। कोई ठोस गाइड लाइन सरकार की ओर से नहीं दी गयी है। यदि असम की गाइड लाइन को माना जायेगा तो उत्तराखण्ड में लाखों लोग एनआरसी से बाहर पाये जायेंगे। इसमें अधिकांश हिन्दू ही हैं। महाजन ने कहा कि बंगाली समाज ने 1947 के विभाजन के बाद 1971 का विभाजन भी झेला है। भारत सरकार ने शरणार्थी के तौर पर बंगाली समाज को बसाया था। बहुत बड़ी संख्या में हिन्दू बंगाली 1971 के बाद भी आये हैं। लेकिन किसी के पास कोई रिकार्ड नहीं है। खाना बदौस जिन्दगी होने के कारण भी लोग प्रपत्र संभाल कर नहीं रख पाये। महाजन ने कहा कि भाजपा के सांसद और नेता बंगाली समाज को एक बार फिर झांसा दे रहे हैं। बंगाली कल्याण समिति के अध्यक्ष तारक बाछाड़ ने कहा कि एनआरसी का डर दिखाकर भाजपा अपने पक्ष में माहौल करना चाह रही है। यदि एनआरसी लागू होती है तो बंगाली समाज के अलावा भूमिहीन, जनजाति, आदिवासी लोग भी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को एनआरसी के मुद्दे पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। लाखों लोगों को यदि सरकार गैरकानूनी करार दे देगी तो उनके नागरिक अधिकार खत्म कर दिये जायेंगे। उन्हें जेलों में डाल दिया जायेगा। इसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में रहने वाला प्रत्येक बंगाली उत्तराखण्ड और देश का नागरिक है। प्रपत्र की बाध्यता बेवजह है। इस दौरान ममता हाल्दार, नारायण हाल्दार, सुभाष सरकार मौजूद थे।

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