पुत्र हुआ लाचार, पिता का कैसे हो उपचार

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रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। गत दिनों मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रखते हुए एक निजी अस्पताल की एम्बुलेंस बीमार चल रहे बुजुर्ग को जिला अस्पताल में लावारिस अवस्था में फेंककर चली गयी जिसकी जानकारी जब उस बुजुर्ग के पुत्र को हुई तो वह जिला अस्पताल पहुंचा लेकिन अस्पताल कर्मियों ने भी बुजुर्ग का उपचार करने से इंकार कर दिया। क्योंकि निजी अस्पताल प्रबंधन ने बुजुर्ग के किये गये उपचार की पत्रावलियां उन्हें नहीं सौंपी थीं जिस कारण जिला अस्पताल के चिकित्सक यह पता लगाने में असमर्थ रहे कि बुजुर्ग का किस रोग का इलाज किया जा रह है। वहीं बुजुर्ग की तीमारदारी में जुटे उसके पुत्र का कहना है कि उसके भाई ने घर की बिजली, पानी कटवा रखी है। ऐसे में वह उन्हें घर भी लेकर नहीं जा सकता और अन्य अस्पताल में पैसों के अभाव में वह उपचार कराने में असमर्थ है। आदर्श कालोनी निवासी मोहनलाल अरोरा पिछले लम्बे समय से अस्वस्थ हैं और उनका उपचार एक निजी अस्पताल में कराया जा रहा था। उनकी देखरेख उनका एक पुत्र गुलशन अरोरा कर रहा है। निजी अस्पताल में उपचार के दौरान वह लगभग एक से डेढ़ लाख रूपए अदा कर चुका था तो चिकित्सकों ने बुजुर्ग को घर ले जाने की सलाह दी लेकिन आदर्श कालोनी वाले बुजुर्ग के आवास की बिजली और पानी कटा हुआ था क्योंकि गुलशन का अपने भाई और बहन से सम्पत्ति का विवाद है। बावजूद इसके गुलशन अपने पिता की तीमारदारी में लगा रहा। गुलशन का आरोप है कि उसका बड़ा भाई और उसकी बहन अपने पिता का हालचाल लेने नहीं आये। अब जब उपचार के लिए उसके पास पैसे समाप्त हो गये तो निजी अस्पताल प्रबंधन ने उनके पिता को जिला अस्पताल में छोड़ दिया जहां वह लावारिस अवस्था में लाये गये। जिला अस्पताल पहुंचने के बाद गुलशन ने अस्पताल प्रबंधन से गुहार लगायी कि उसके पिता का इलाज किया जाये। उसने पुलिस के आलाधिकारियों से भी अपने पिता की स्थिति और घर में चल रहे विवाद के बारे में पूरी जानकारी दी लेकिन कहीं से भी उसे राहत नहीं मिली। ऐसे में पैसों के अभाव में पुत्र अपनेे पिता का इलाज कराने के लिए दर दर की ठोंकरें खाने को मजबूर हो चुका हैै।

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