उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका दायर

हाईकोर्ट में याचिका हुई स्वीकार, सरकार से मांगा जवाब

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नैनीताल,(उद संवाददाता)। नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की याचिका दायर की गयी है। याचिका में कहा गया है कि सरकार अपने काम नहीं कर पा रही है। जिस कारण पंचायत चुनावों की अब तक कोई तैयारी नहीं हो पाई है। कोर्ट ने सरकार से जबाब दाखिल करने को कहा है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य में पंचायत चुनाव नहीं होना संवैधानिक खतरा है। पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन सरकार ने चुनाव कराने के बजाय पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर दिया। कहा गया है कि पंचायत चुनाव हर हाल में समय पर कराये जाने चाहिए थे लेकिन सरकार ने कोई तैयारी ही नहीं की जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा और यह एक बड़ा संवैधानिक संकट भी है। नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए याचिका दााखिल की गई हैै। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार भी कर लिया है और राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा है। जनहित याचिका में पंचायतों में चुनाव न कराये जाने को राज्य में संवैधानिक संकट बताया गया है। कहा गया है कि सरकार अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन नहीं कर सकी है। इस आधार पर याचिका में मांग की गई है कि धारा 356 के तहत सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। पंचांयतों का कार्यकाल 15जुलाई को खत्म हो गया था और उसके बाद से पंचायतों का काम प्रशासक संभाल रहे हैं। 6जुलाई को सरकार ने पंचायतों का काम प्रशासकों को सौंपे जाने की अधिसूचना जारी की थी। सरकार को नगर निकाय चुनावों में भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। तब भी सरकार ने आरक्षण की स्थिति साफ करने में काफी देरी कर दी थी। इस बार भी वही स्थिति सामने है। चुनाव आयोग अपनी सारी तैयारियां पूरी कर चुका है लेकिन सरकार अब तक आरक्षण का निर्धारण नहीं कर पाई है।

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