प्रियंका गांधी को हिरासत में लिया

सोनभद्र नहीं जा पाईं कांग्रेस महासचिव,काफिले को पुलिस ने रोका, प्रियंका को गेस्ट हाउस ले गई पुलिस

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वाराणसी(उद ब्यूरो)। सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफीले को शुक्रवार को रोक दिया गया। प्रियंका के इस काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया। जमीन विवाद में सोनभद्र में 10 लोगों की हत्या के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए वहां जा रही थीं। सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर नारायणपुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा, हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं। मैंने तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे। फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।बाद में पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने कहा, मुझे नहीं पता कि कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं। लेकिन झुकेंगे नहीं।एसडीएम की गाड़ी में प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस लाया गया। सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी ने पुलिस के पास रोके जाने का ऑर्डर नहीं होने की दलील दी। प्रियंका गांधी को मिर्जापुर के करीब नारायणपुर में रोका गया तो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गई थीं। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि मुझे किस आदेश के तहत रोका गया। इससे पहले प्रियंका गांधी ने वाराणसी के ट्रामा सेंटर में सोनभद्र की घटना में घायलों से मुलाकात की। इस दौरान सोनभद्र हत्याकांड के घायलों के परिजनों ने प्रियंका गांधी से आपबीती सुनाई।इस बीच, सोनभद्र के घटना वाले इलाके में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है।असल में, बुधवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद को लेकर 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसमें 28 लोग घायल भी हो गए थे। बताया जा रहा है कि मूर्तिया गांव के बाहरी इलाके में सैकड़ों बीघा खेत हैं, जिस पर कुछ ग्रामीण पुश्तैनी तौर पर खेती करते आ रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के नाम है। ग्राम प्रधान ने एक आईएएस अधिकारी से 100 बीघा जमीन खरीदी थी। जब बुधवार सुबह 11 बजे ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर ने इस जमीन पर कब्जे करने के लिए करीब 200 लोगों और 32 ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे और जमीन जोतने की कोशिश की, तो विवाद हो गया।

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