रूद्रपुर को मुंह चिढ़ा रहा हल्द्वानी क्षेत्र का विकास
रूद्रपुर में सड़कें बदहाल, हल्द्वानी में चमक रही सड़कें
रूद्रपुर। कभी विकास के मामले में हल्द्वानी से आगे रहने वाला तराई का रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र आज विकास के मामले में हल्द्वानी से काफी पिछड़ गया है। एक ओर हल्द्वानी में हर तरफ सड़कें चमक रही हैं तो दूसरी ओर रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का बुरा हाल हैं। जिला मुख्यालय पर ही यहां तमाम सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। जिसके चलते क्षेत्र की जनता अब इसे सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों का परिणाम मानने लगी है। लोगों का कहना है कि कहीं न कहीं रूद्रपुर के साथ विकास के मामले में पक्षपात हो रहा है जिसके चलते आज यहां विकास की रफ्तार थम गयी है। उधम सिंह नगर के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र को काफी सम्पन्न माना जाता हैं। जिला मुख्यालय होने के कारण रूद्रपुर विधान सभा क्षेत्र अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में विकास में आगे रहा है। लेकिन नैनीताल जनपद के हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र से तुलना की जाये तो उसके सामने रूद्रपुर विधानसभा कहीं नहीं टिकटती। कहने को यहां पर सैकड़ों की संख्या में उद्योग लगे हैं। फसलों का उत्पादन भी हल्द्वानी की अपेक्षा अधिक होता है। सरकार को राजस्व देने के मामले में रूद्रपुर विधानसभा हल्द्वानी से काफी आगे है लेकिन विकास के लिए यह क्षेत्र आज भी छटपटा रहा है। हल्द्वानी विधान सभा क्षेत्र में पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नेत्री इंदिरा हृदयेश विधायक हैं और 2002 में भी श्रीमति हृदयेश यहां से चुनाव जीती थी। कांग्रेस की सरकार में श्रीमति हृदयेश दो बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी है और वर्तमान में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष भी है। पिछले करीब 2 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। विपक्ष में होने के बावजूद इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी को विकास के मामले में आगे ले जाने में कामयाब रहीं है। दूसरी तरफ रूद्रपुर में विधायक राजकुमार ठुकराल अपनी विधायकी की दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। उनके उठाये गये तमाम ज्वलंत मुद्दे आज भी फाईलों में धूल फांक रहे हैं। उनके पिछले विधायकी काल में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी बल्कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है इसके बावजूद भी क्षेत्र के तमाम ज्वलंत मुद्द जस के तस है। हल्द्वानी के वांशिन्दों को अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम जैसी सौगात मिल चुकी है और अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डे की योजना पर काम चल रहा है। यही नहीं सीवर लाईन भी बिछाई जा चुकी है जिससे हल्द्वानी शहर को काफी हद तक जलभराव से निजात मिल चुकी है। नहर की कवरिंग और बाईपास निर्माण होने से हल्द्वानी को जाम की समस्या से भी छुटकारा मिला है। हल्द्वानी क्षेत्र की अधिकांश सड़कें गड्ढामुक्त होने से लोग आज राहत महसूस कर रहे हैं। एक दशक पूर्व तक कई समस्याओं से जूझ रहा हल्द्वानी शहर आज एक व्यवस्थित शहर का रूप लेता जा रहा है। दूसरी तरफ रूद्रपुर में तो नई योजनायें धरातल पर उतरना तो दूर पुराने काम भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। मेडिकल कालेज का निर्माण कई वर्षों से यहां अधर में लटका हुआ है। इसे अलावा सीवर लाईन बनाने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ट्रांसपोर्ट नगर, ट्रंचिंग ग्राउण्ड, वेंडिंग जोन, पार्किंग स्थल जैसी कई बड़ी योजनायें लटकी हुयी हैं। कई दशकों से नजूल भूमि की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इन योजनाओं को पूरा करने के हवाई वायदे कई वर्षों से हो रहे हैं। हर बार चुनावी माहौल में भाजपा के नेताओं को ये मुद्दे याद आते हैं और उसके बाद इन पर अमल के नाम पर सिर्फ लीपापोती होती है। आज रूद्रपुर की सड़कों की जो हालत है उन्हें देखकर लगता है कि सरकार जानबूझकर रूद्रपुर का विकास नहीं करना चाहती। रूद्रपुर की जनता अब इसे सियासी गेम मानने लगी हैं। लोगों का कहना है कि सरकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाकर पहाड़ और मैदान के बीच खाई पैदा करने की कोशिश कर रही है। इसी का नतीजा है कि आज सरकार को अधिक राजस्व देने के बावजूद रूद्रपुर हल्द्वानी से विकास में लगातार पिछड़ रहा है। यहां पर नई योजनायें तो दूर बुनियादी सुविधाओं के लिए भी लोग तरस रहे हैं। सरकार की नीति यही रहीं तो अगले चुनावों में भाजपा को तराई की जनता की नाराजगी भारी पड़ सकती है।
सांसद भट्ट कर रहे हैं जनता को गुमराहः बेहड़
रूद्रपुर(उद सवांददाता)। पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने जारी बयान में कहा कि सांसद अजय भटट् द्वारा ट्रांजिट कैम्प की सड़क का मामला लोकसभा में बजट सत्र के दौरान उठाया वह हास्यपद है। उन्होने कहा कि श्री भट्ट सांसद के साथ साथ उत्तराखण्ड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वह मात्र जनता को गुमराह करने के लिये ट्रांजिट कैम्प सड़क का मामला संसद में उठा रहे हैं। श्री बेहड़ ने कहा की शायद श्री भटट यह भूल गये कि उत्तराखण्ड में उनकी ही सरकार है या फिर मुख्यमंत्री से उनके सम्बंध अच्छे नहीं है। सांसद अगर 2 किमी- सड़क अपने सीएम से स्वीकृत नहीं करा सकता तो उसको सांसद पद पर रहने को अधिकार नही है। जानबूझकर जनता को बरगलाने के लिये व सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये इस तरह के कदम सांसद अजय भटट द्वारा उठाये जा रहे हैं। श्री बेहड़ ने कहा कि उत्तराखण्ड के अन्दर आज विकास को लेकर हालात बद से बदतर हो चुके हैं। रूद्रपुर व उधम सिंह नगर के अन्दर सडकें चारो तरफ टूटी हुई हैं। इससे अच्छा होता कि अजय भटट उत्तराखण्ड में अपनी सरकार से 2 किमी की जगह पूरे जिले की टूटी हुई सडकों का पुनः निर्माण स्वीकृत करवाते तो लगता कि वह अपनी जिम्मेदारी का र्निवहन कर रहे हैं। विकास के नाम पर रूद्रपुर ही नही पूरा उधम सिंह नगर आसूं बहा रहा है। क्षेत्र के लोग व नेतागण सडकों पर धान लगाने को मजबूर हैं। जगह-जगह विकास न होने से जनता परेशान है। श्री बेहड़ ने कहा की जब सांसद अजय भटट द्वारा ट्रांजिट कैम्प की 2 किमी सड़क का मामला लोकसभा में बजट सत्र के दौरान उठाया तो ऐसा लगा कि अजय भटट यह भूल गये कि वह विधान सभा में नही लोकसभा में हैं। विधान सभा में तो कई बार राज्यपाल के अभिभाषण व बजट चर्चा के दौरान इस तरह के विषय उठते रहते हैं। एक सांसद लोकसभा में सड़क का मामला उठायेगा ऐसा उन्होंने अपने 30 वर्ष के राजनैतिक जीवन में पहली बार देखा। उन्हे अगर सड़क स्वीकृत ही करानी है तो उत्तराखण्ड में अपने मुख्यमंत्री से शासनादेश जारी करवायें,इस तरह जनता को गुमराह करने का काम न करें।