सावधान! आपके बैडरूम की बाते रिकार्ड करता रहता है गूगल
गूगल आपकी निजी बातों को सुनता रहता है, यूजर की प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ से गूगल ने किया इनकार
नई दिल्ली। दुनियाभर में गूगल आज हमारी जिंदगी अहम हिस्सा बन गया है। स्मार्टफोन और टेक्नॉलजी के दौर में बिना गूगल के रहना लगभग नामुमकिन है। जबकि गूगल की प्रिवेसी पॉलिसी एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। हाल में आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल अब यूजर्स के बेडरूम तक पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक गूगल के थर्ड पार्टी वर्कर्स यूजर्स की निजी बातों को ना सिर्फ सुन रहे हैं बल्कि उसे रिकॉर्ड भी कर रहे हैं। गूगल यूजर्स को कई ऐसी सर्विस देता है जिससे रोजमर्रा के काम काफी आसान होते जा रहे हैं। गूगल सही और ऐक्युरेट जानकारी पहुंचाने के लिए यूजर की ऑनलाइन ऐक्टिविटी को लगातार मॉनिटर भी करता है। गूगल के पास अपने यूजर्स की लगभग सारी डिटेल मौजूद रहती है और वह किन-किन चीजों पर नजर रखता है। गूगल अब आपके बेडरूम तक पहुंच गया है और आपकी पर्सनल बातें भी सुन रहा है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि गूगल के थर्ड पार्टी वर्कर्स यूजर्स की निजी बातों को ना सिर्फ सुन रहे हैं बल्कि उसे रिकॉर्ड भी कर रहे हैं। गूगल ने ये माना है कि गूगल के कर्मचारी गूगल होम स्मार्ट स्पीकरर्स के ऑडियो रिकॉर्डिंग्स सुनते हैं। गूगल इस तरह के रिकॉर्डिंग्स को सुनने के लिए लैंग्वेज एक्सपर्ट्स रखता है। ये एक्स्पर्ट्स यूजर्स द्वारा गूगल होम असिस्टेंट से की गई बातें या यों कहें कि इन्हें दिए गए कमांड्स को सुनते हैं। गूगल का कहना है कि यूजर्स की रिकॉर्डिंग्स इसलिए सुनी जाती है ताकि वॉयस रिकॉग्निशन टेक्नॉलजी को बेहतर किया जा सके। लेकिन क्या इसके लिए यूजर की प्राइवेसी के साथ एक तरह का खिलवाड़ किया जाना जायज है? ये बड़ा सवाल है, जिसका जवाब गूगल से मांगा जाना चाहिए। बता दे, गूगल सही और ऐक्युरेट जानकारी पहुंचाने के लिए यूजर की ऑनलाइन ऐक्टिविटी को लगातार मॉनिटर करता है।
चार वॉयस असिस्टेंट बाजार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय ये आपके फोन, टैबलेट या फिर स्मार्ट वॉच में होते हैं। आप इनसे बात कर सकते हैं, सवाल पूछ सकते हैं, रास्ता पता कर सकते हैं और भविष्य में अगर आप स्मार्ट होम में रहने लगें, तो ये आपके लिए टीवी और ऐसी चलाने का काम भी कर दिया करेंगे। फिलहाल चार वॉइस असिस्टेंट बाजार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। वॉयस असिस्टेंट जब बाजार में आए तो मशीन बेस्ड लर्निंग पर खूब चर्चा हुई। मकसद था मशीनों को कुछ इस तरह से विकसित करना कि वे खुद ही और सीखती रहें। आवाज सुन सुन कर वे और स्मार्ट हो जाती हैं, अलग अलग लहजों को भी समझने लगती हैं। लेकिन हाल ही में लीक हुए कुछ टेप दिखाते हैं कि मशीनें आपकी बातों को खुद तक सीमित नहीं रखती हैं, बल्कि कोई और भी इन्हें सुन रहा होता है। ऐसा भी नहीं है कि जब आप वॉयस असिस्टेंट से बात करते हैं, तब आपके आसपास बिलकुल सन्नाटा होता है। जिस वक्त आप ओके गूगल कह रहे होते हैं तब पीछे शायद आपके बच्चे आपस में बातें कर रहे होते हैं, या फिर आपके दोस्त या परिवार के लोग किसी बहस में होते हैं। और ये सारी बातचीत वॉयस असिस्टेंट के जरिए रिकॉर्ड हो जाती है। इसके अलावा एक दिक्कत यह भी है कि जिस व्यक्ति का अकाउंट है, वह स्वीकृति सिर्फ अपने लिए दे रहा है, अपने आसपास के लोगों के लिए नहीं। खास कर बच्चों की आवाज की रिकॉर्डिंग की कहीं कोई अनुमति नहीं है। बावजूद इसके गूगल के पास बच्चों की आवाज का डाटा जमा होता जा रहा है। इससे बचने के लिए यूजर चाहें तो रिकॉर्डिंग फीचर को बंद भी कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने पर वॉयस असिस्टेंट ठीक से काम नहीं कर पाता है। वह यूजर के सवालों के जवाब नहीं दे पाता है, लहजा बदलने पर शब्दों को समझ नहीं पाता है। मजबूरन यूजर इसे ऑन करके रखना ही बेहतर समझते हैं। स्मार्टफोन समेत दुनिया में इस वक्त एक अरब ऐसे डिवाइस इस्तेमाल हो रहे हैं, जिन पर गूगल असिस्टेंट इस्तेमाल हो रहा है। गूगल ने रिर्काडिंग लीक होने की गलती मानी डच भाषा में लीक हुई कुछ रिकॉर्डिंग्स के बाद गूगल के प्रोजेक्ट मैनेजर डेविड मोनसीस ने माना है कि लोगों की निजता का उल्लंघन हुआ है। एक ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा, हम पूरी तफ्तीश कर रहे हैं ताकि दोबारा इस तरह की गलती ना हो। बेल्जियम के एक न्यूज चैनल वीआरटी एनडब्ल्यूएस का दावा है कि उनके पास ऐसी एक हजार रिकॉर्डिंग्स पहुंची हैं। चैनल के अनुसार इनमें कई लोगों की निजी बातचीत है और इनमें लोगों के अकाउंट के जरिए उनकी पहचान भी बताई गई है। ये टेप सिर्फ मशीन के पास ना रह कर कुछ लोगों को दी गई थीं ताकि वे बेहतर प्रोग्रामिंग में मदद कर सकें। इन लोगों को तकनीकी भाषा में कॉन्ट्रैक्टर कहा जाता है। गूगल का दावा है कि कॉन्ट्रैक्टरों को लोगों के अकाउंट की कोई जानकारी नहीं दी जाती है। गूगल का यह भी कहना है कि उन्हें सिर्फ वॉयस असिस्टेंट को दिए गए निर्देशों को ट्रांसक्राइब करने को कहा जाता है, पीछे चल रही लोगों की बातचीत को नहीं। लेकिन चैनल के पास मौजूद रिकॉर्डिंग इस दावे को गलत साबित करती हैं। कई बार तो लोगों की आवाज तब रिकॉर्ड हो गई जब असिस्टेंट को लगा कि उससे बात की जा रही है जबकि ऐसा था नहीं। यही वजह है कि इन रिकॉर्डिंग में पति पत्नी के झगड़े भी शामिल हैं। गूगल का यह भी कहना है कि जब लोग वॉयस असिस्टेंट या फिर उससे जुड़े ऐप इस्तेमाल करते हैं तो वे नियम और शर्तों को भी स्वीकारते हैं। इन शर्तों में आवाज रिकॉर्ड करने की बात भी कही गई है लेकिन साफ तौर पर नहीं। ठीक ऐसा ही एमेजॉन के अलेक्सा के साथ भी है।
आपकी बाते लोग भूल जायेंगे पर गूगल नही
आपकी जेब में रखा स्मार्टफोन आपकी हर बात सुन रहा है और आपकी निजी बातों को अनजान लोगों तक पहुंचा रहा है। गूगल ने खुद माना है कि वह लोगों की रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करता है। ओके गूगल, स्कोर क्या चल रहा है? सिरी, आज मौसम कैसा है? अलेक्सा, अगला गाना चला दो। गूगल, सिरी और अलेक्सा में से कोई भी इंसान नहीं है। लेकिन मशीनों से अब हम वैसे ही बात करने लगे हैं जैसे वे हमारे परिवार के सदस्य हों। फर्क इतना ही है कि परिवार वाले आपकी बातों को सुन कर शायद कभी भूल भी जाएं लेकिन ये मशीनें उन्हें हमेशा याद रखेंगी।