पाकिस्तान आतंक का रास्ता छोड़ें तभी बातचीत संभवः मोदी
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लोकसभा चुनाव जीतने पर पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश दिया था। उसके बाद आठ जून को एक खत लिखकर दोनों देशों के बीच बातचीत का आग्रह भी किया था। उसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने उनको चिट्टी लिखी है। इसमें पीएम मोदी मोदी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध तभी सुधर सकते हैं जब पाकिस्तान आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करके दिखाए। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आठ जून को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा कि कश्मीर मुद्दे सहित सभी सुलह योग्य समस्याओं के समाधान के लिए नई दिल्ली के साथ इस्लामाबाद वार्ता करना चाहता है। दरअसल, उससे एक दिन पहले भारत ने कहा था कि बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक से इतर दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। भारत के प्रधानमंत्री पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए मोदी को बधाई देते हुए खान ने पत्र में कहा था कि दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता ही दोनों देशों के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद करने का एकमात्र समाधान है तथा इसके लिए यह जरूरी है कि क्षेत्रीय विकास के लिए साथ मिल कर काम किया जाए। इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दा सहित सभी समस्याओं का समाधान चाहता है। मोदी के सत्ता में वापस आने के बाद यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए भारत के साथ मिल कर काम करने की आकांक्षा जताई थी। उसके बाद किर्गिस्तान की राजधानी में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के बीच सिर्फ अभिवादन हुआ, बातचीत नहीं हुई। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और धन मुहैया कराने वाले देशों की ‘एससीओ’ शिखर सम्मेलन में आलोचना की। साथ ही, उन्होंने मौजूद शीर्ष नेताओं से कहा कि ऐसे देशों को अवश्य ही जवाबदेह ठहराया जाए। मोदी ने पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए यह कहा, हालांकि वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान भी उपस्थित थे। मोदी ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद से निपटने के लिए एक वैश्विक सम्मेलन का आहवान किया था। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने की एससीओ की भावना और उसके विचारों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, भारत एक आतंकवाद मुक्त समाज की हिमायत करता है।