सम्राट बना चैम्पियन…..पशु मेले में नहीं पहुंचा 21 करोड़ का ‘सुल्तान’

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पंतनगर। पशुधन कौतिक-2018 का मुख्य आकर्षण व ऽास मेहमान बनने वाला 21 करोड़ रूपये कीमत का भैंसा बीमारी के चलते मेले में नहीं पहुंच सका, लेकिन उसकी जगह पहुंचे सम्राट ने निराश मेलार्थियों के आकर्षण का केंद्र बनकर उसकी कमी को किसी हद तक पूरा कर दिया। हरियाणा के कैथल से मेले में शिरकत करने पहुंचे सुऽबीर सिंह, प्रदीप कुमार, वेदपाल व नरेश कुमार ने बताया कि सुल्तान बीमारी की वजह से नहीं सका, लेकिन उसकी जगह सम्राट को लाए हैं। सुल्तान की ही भांति दो करोड़ का सम्राट भी राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीत चुका है। सुल्तान व सम्राट की तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि जहां सुल्तान की हाइट 5 फीट 10 इंच है, वहीं सम्राट की 5 फीट 5 इंच है। सुल्तान का वजन 1700 किग्रा- व लंबाई 15 फीट प्लस है, वहीं सम्राट का वजन 1595 किग्रा- व लंबाई 13-9 फीट है। सुल्तान का जहां 90 लाऽ रूपये का सीमेन बिकता है, वहीं सम्राट के सीमेन से भी लगभग 60 लाऽ रूपये की आय हो जाती है। सम्राट को आहार में प्रतिदिन 10 किग्रा- दाना, 8 किग्रा- दूध व हरे चारे सहित फल- सब्जी के साथ शराब भी परोसी जाती है। पशुपालन, मत्स्य, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेऽा आर्या ने उत्तराऽंड सरकार के पशुपालन विभाग के सौजन्य से पंतनगर विवि के नव निर्मित किसान मेला प्रांगण में आयोजित दो-दिवसीय पशु मेला ’पशुधन कौतिक’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि किसानों के लिए पशुपालन व्यवसाय आय में वृद्धि करने का एक अच्छा साधन है, लेकिन पशुपालकों की आय में वृद्धि तभी संभव है जब पशुओं नस्ल सुधार उत्तम नस्ल का पशुधन विकसित किया जाए। यह बात उन्होंने कहा कि पशुधन कौतिक का मुख्य उद्देश्य पशुपालन व्यवसाय में समृद्वि लाकर किसानों की आय को दोगुना करना है। कहा कि सैक्स सॉर्टेड सीमेन से 80 प्रतिशत बढ़िया पशुधन विकास कर पशुपालन में क्रांति लाई जा सकती है। कहा कि अब कृत्रिम गर्भाधान का कार्य करने में महिलाएं पुरूषों से भी आगे आ रही हैं। उत्तम नस्ल पशुधनन से ही समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। पंत विवि कुलपति डॉ- तेजप्रताप नेें कहा कि पहाडी क्षेत्रें में पशुपालन के लिए लाभदायक योजनाओं से किसानों के जीवनोपार्जन को बढाने का प्रयास किया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने व आय दोगुनी करने में पशुपालन ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जो महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। पशुपालन विभाग के सचिव ने बताया कि पशुपालकों की आय दोगुनी करने में नस्ल सुधार व सैक्स सॉर्टेड सीमेन उन्नत नस्ल के उत्पादन के लिए जरूरी है। आने वाले समय में सैक्स सॉर्टेड सीमेन का उत्पादन शीघ्र ही उत्तराऽण्ड में शुरू किया जाएगा। बताया कि आर्मी डेयरी के माध्यम से भी पशुपालकों को 0-5 प्रतिशत प्रति पशुपालक की दर से कई पशुपालाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही आस्ट्रेलिया से आस्ट्रेलियन मेरिनो प्रजाति की भेड़ों को क्रय करने की अनुमति भी भारत सरकार से प्राप्त कर ली गयी है, जिससे हिमालयी क्षेत्रें के भेड़ पालकों को अच्छी नस्ल की भेड़ों के उत्पादन में सहायता होगी। इस अवसर पर उत्तराऽण्ड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी डा- एमएस नयाल, मुख्य विकास अधिकारी आलोक पांडे, मल्लिका वर्मा, एसके मुन्जाल, राजेन्द्र सिह, राजीव वैध, अनीता तनेजा, बीएल मुन्जाल, संजय कुमार, पीसी कांडपाल, संजीव कुमार सिह आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान पशुपालन मंत्री रेऽा आर्या ने लगाये गये पशुपालन के विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और पशुओं की नस्लों, दुग्ध मशीनों, उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी ली। मेले में महिला पशुपालकों की संख्या अधिक रही।

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