बड़ी खबर: यूपी के फलों की ठेली वालों ने लिखकर टांग ली है पहचान की पर्ची !! उत्तराखण्ड में भी फेरी-ठेली वालों को जल्द पहचान पत्र जारी करने का फरमान

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22 जुलाई से शुरु हो रही है कांवड़ यात्रा : मुजफ्फरनगर में 240 किमी कांवड यात्रा रूट पर यूपी पुलिस ने दिए निर्देश 
देहरादून/हरिद्वार (उद ब्यूरो) । उत्तराखण्ड में फेरी-ठेली वालों को जल्द पहचान पत्र प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर इस संबंध में शहरी विकास निदेशालय की ओर से राज्य के समस्त नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर फेरी एवं ठेली वालों का विवरण जुटाने व पहचान पत्र जारी कर इन्हें अनिवार्य रूप से ठेली/फड़ पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। शहरी विकास निदेशक श्री नितिन सिंह भदौरिया की ओर से इस संबंध में समस्त नगर निकायों के नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी कर अपेक्षा की गई है कि वे अपने क्षेत्र में कार्यरत नगरीय फेरी व्यवसायियों की फेरी/ठेली में पहचान प्रदर्शित करने हेतु विवरण जुटाएं। पहचान पत्र में फेरी व्यवसायी का कोड, नाम, पता, फ़ोटो अंकित होने के साथ ही परिवार के किसी भी नाम निर्देशिता का नाम, श्रेणी (चल या अचल) के अतिरिक्त फेरी क्षेत्र जहां परिचय पत्र स्वामी को स्थिर या चल फेरी की अनुज्ञा के साथ ही अनुज्ञति की विधिमान्यता का विवरण मांगा जाए।
एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा : किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे और नाम जरूर लिखें
22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरु होने जा रही है। ऐसे में मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बुधवार को कहा था कि जिले में 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है तो इसमें जितनी भी खाने-पीने की दुकानें हैं। होटल, ढाबे या ठेले से कांवड़ियां अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं। उन सबको निर्देश दिए गए हैं कि अपने प्रोपराइटर या काम करने वालों के नाम जरूर लिखें। ताकि किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन किसी भी कावड़िया के अंदर ना रहे और ऐसी स्थिति न बने, जिससे कहीं कोई आरोप-प्रत्यारोप हो और बाद में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो। इस आदेश के बाद दुकानदारों ने अपने-अपने नाम के साथ किस चीज की दुकान है, उसका नाम लिखकर पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं। किसी ने ठेले पर आरिफ आम वाला तो किसी ने निसार फल वाला की पर्ची लिखकर टांग ली है। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट पड़ता है। कावड़ मेले के दौरान शिव भक्त कावड़िए हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर से होते हुए अपने-अपने गंतव्य की ओर जाते हैं। इसी जिले से होते हुए कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग-अलग जिलों में जाते हैं। इस आदेश के बाद फल दुकानों और ठेलियों वालों ने दुकान और ठेलियों के बाहर अपना नाम प्रदर्शित करना शुरु कर दिया है। लोगबाग दुकाने देखकर खरीददारी कर रहे हैं। वहीं इस मामले में अब विपक्ष ने भी मोर्चा खोल दिया है।
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा: ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के आधार पर अब हर खाने वाली दुकान-ठेले के मालिक को अपने नाम का बोर्ड लगाना होगा, जिससे कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से सामान न खरीद ले। असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया साइड ‘एक्स’ पर एक पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा, ‘ उत्तर प्रदेश पुलिस के नए आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले. इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘जूडेन बॉयकॉट’ था। उधर समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने लिखा कि, “और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।”

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