पंतनगर में चार दिवसीय किसान मेला शुरू

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पंतनगर। पंतनगर विवि द्वारा आयोजित 4 दिवसीय 105 वां किसान मेला एवं कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी विवि के गांधी मैदान में शुरू हुआ। शुभारंभ कुलपति डॉ तेज परताप तथा प्रगतिशील कृषक कँवल सिंह चैहान एवं भारत भूषण त्यागी ने संयुक्त रूप से किया। इसके बाद कुलपति, प्रगतिशील कृषकों तथा भारत सरकार के कृषि अपर आयुक्त डॉ वाईआर मीना ने पुष्पप्रदर्शनी का भी उदघाटन किया और मेले का भ्रमण किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला व अन्य गणमान्य साथ मे रहे। इस मौके पर कुल पति डा0 तेज प्रताप ने कृषि को बहुत सुंदर प्रोफेशन बताते हुए कहा कि अब परंपरागत खेती के स्थान पर नई तकनीकी पर आधारित कृषि को अपनाना होगा। खेती में अब बदलाव समय की जरूरत है। उन्होंने किसानों को नई तकनीकों को अपनाकर खेती में नई क्रांति लाने का आ“वान किया। विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि किसानों को बिचैलिए लूटने वालों से बचाना होगा। किसान और उसके परिवार को भी सुख सम्मान से रहने का अधिकार मिलना चाहिए। यह तभी होगा जब किसान को उसके उत्पादन का वाजिब मूल्य मिले। पूरे देश मे इस पर बहस होनी चाहिए। इस मंथन के बाद किसान सुरक्षा की नई नीति बननी चाहिए। जो स्थान हरित क्रांति से बचे हुए हैं, वहां भी खेती को सरसब्ज बनाना होगा। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में अपर आयुक्त प्रसार डॉ वाईआर मीना ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय स्तर किसान मेले में किसानों को सरल भाषा मे तकनीकी जानकारियां दी जानी चाहिए। कहा कि किसानों को बीज व तकनीकों के साथ साथ योजनाओं की भी जानकार दिया जाना जरूरी है। बताया कि किसानों से जुड़ी सभी योजनाओं को एक प्लेटफार्म पर दिए जाने का कार्य पूरा हो गया है। साथ ही खेती में लागत को कम किए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। सोनीपत, हरियाणा के प्रगति शील किसान पप्रश्री कंवल सिंह चैहान ने कहा कि भारत मे कृषि की बहुत संभावना है। नई तकनियों ने आत्मनिर्भर तो हुए हैं लेकिन साथ ही रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग ने खेती का विनाश भी किया है। कहा अब समय आ गया है कि रसायनों पर आत्मनिर्भरता छोड़कर जैविक खेती को अपनाना होगा। दूसरे प्रगतिशील किसान भारत भूषण त्यागी ने देश के कृषि विकास में पंतनगर विवि की आधारभूत भूमिका बताते हुए कहा कि उत्पादन वृद्धि का एक दौर पूरा हो गया है, लेकिन अब दिशा बदलनी होगी, जिसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। समस्या यह है कि कृषि का विद्यार्थी भी खेती नहीं करना चाहता, जबकि सच्चाई यह है कि हर युवा को नहीं मिल सकती है। देश मे किसान की आय दोगुनी करने के प्रयास हो रहे हैं। जैविक खेती के मॉडल बनाए जाने चाहिए, ताकि उसे अधिक से अधिक अपनाया जाए। कहा कि छूट किसान को कमजोर बनाती है। उन्होंने किसानों का योजनाओं का लाभ लेने का भी आ“वान किया। अंत मे निदेशक शोध दो एसएन तिवारी ने धन्यवाद दिया। निदेशक प्रसार डॉ आईपीएस डबास आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित भी किया गया।

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