डा.गहलौत ने 126 वर्षीय वृद्ध का किया सफल आपरेशन

1914 में विश्व युद्ध के साक्षी रहे हैं वयोवृद्ध श्याम सिंह,जटिल आप्रेशन से ठीक किया कूल्हे का फ्रैक्चर

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काशीपुर। राजकीय चिकित्सालय के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा0 विकास गहलोत ने 1914 में विश्व युद्ध के साक्षी रहे 126वर्षीय वयोवृद्ध का डायनेमिक टिप स्क्रू नामक ऑपरेशन कर चिकित्सा क्षेत्र में नई इबारत लिखी हैै। दढ़ियाल रोड बस स्टैंड के समीप निवासी वयोवृद्ध श्याम सिंह बीते रविवार को ई रिक्शा की चपेट में आकर घायल हो गए थे। बाएं कूल्हे में फ्रैक्चर होने के कारण परिजनों द्वारा उन्हें राजकीय चिकित्सालय लाया गया। उम्र दराज होने के कारण ऑपरेशन काफी मुश्किल था लेकिन डॉ. गहलोत ने लगभग 3 घंटे की मशक्कत के बाद सफल ऑपरेशन कर लोगों को हैरत में डाल दिया। पिछले लगभग 4 वर्षों से राजकीय अस्पताल में पदस्थ हîóी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विकास गहलोत ने अब तक हजारों सफल ऑपरेशन कर रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने हालिया क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लेकर चल रही स्ट्राइक के बीच बीएसएफ के एक जवान के पिता को तमाम रिस्क के बीच एडमिट कर उनके घुटने की हîóी का सफल ऑपरेशन किया। सीमा सरहद पर देश की निगहबानी करने वाले जवानों के प्रति डॉक्टर का यह जज्बा वाकई काबिले तारीफ है। पंजाब की 10 बटालियन में कांस्टेबल के पद पर पोस्टेड बीएसएफ के जवान ग्राम सुआवाला तहसील अफजलगढ़ जनपद बिजनौर उत्तर प्रदेश निवासी कपिल कुमार ने बताया कि उसके 70 वर्षीय पिता ओमप्रकाश बीते 19 तारीख को छत से गिरने के कारण घायल हो गए थे। इस हादसे में उनके सिर तथा पैर में गंभीर चोटें आई। सीमा पर मुश्किल हालात के बीच जवान को जब छुट्टðी मिली तो वह पिता का इलाज कराने घर आया। इस दौरान निजी अस्पतालों में हड़ताल चल रही थी। बीएसएफ के जवान ने जब राजकीय चिकित्सालय पहुंचकर अपनी परेशानी डॉक्टर विकास गहलोत से साझा की तो उन्होंने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए मरीज को एडमिट उसका सफल ऑपरेशन किया यही नहीं बल्कि दवाई पट्टðी आदि सुविधाएं भी अस्पताल से मुहैया कराई जाती रही। डॉक्टर गहलोत ने मरीज के तीमारदारों से यह भी कहा कि यदि चिकित्सीय पेशे से हटकर भी उनके स्तर की कोई मदद है तो वह कभी पीछे नहीं हटेंगे। जीवन के लक्ष्य के बारे में डॉ. गहलौत ने बताया कि जीवन पर्यंत रोगियों की निस्वार्थ सेवा करना उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि उतार -चढ़ाव प्रकृति पद्धत है। इंसान को कभी भी इससे विचलित नहीं होना चाहिए

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