कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में संभावित दावेदारों के नामों पर मंथन
कांग्रेस में गुटबाजी का संकट:प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने उत्तराखंड में डाला डेरा
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश चुनाव संचालन समिति की बैठक आयोजित की गई। प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश सहप्रभारी राजेश धर्माणी, नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय महा सचिव हरीश रावत,सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की मौजूदगी में प्रदेश की लोकसभा सीटों को लेकर विचार विमर्श किया गया। उत्तराखंड की पांच संसदीय सीटों पर दावेदारी को लेकर कांग्रेस के दावेदारों को के बीच राज्य में पार्टी के भीतर वर्चस्व की जंग को थामने के लिये प्रदेश प्रभारी ने एकजुटता पर जोर दिया। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करने की हिदायत देते हुए प्रभारी ने कहा कि आगामी चुनाव देशवासियों के साथ ही कांग्रेस के लिये भी महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि चुनाव के लिये पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी और नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी उत्तराखंड में शीघ्र जनसभा और रोड शो करेंगे। श्री सिंह ने कहा कि मिशन 2019 की विजय के लिये जनभावनाओं को आवाज बनकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जनता के बीच जाना होगा। उन्होने कहा कि लोकसभा के चुनाव में भाजपा से मुकाबला आसान नहीं समझना चाहिये क्योंकि जिस प्रकार देश में सभी क्षेत्रीय दलों ने फ्रंटफुट पर आकर चुनावी रण में उतरने का ऐलान किया है उससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को और अधिक एकजुटता दिखाने की जरूरत है। प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों में कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जायेगी जो नये मतदाताओं के साथ ही महिलाओं और युवओ को कांग्रेस से जुड़ने का अपील करेगे। उन्होनें कहा कि चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने के लिये कार्यकर्ताओं और आम लोगों से राय ली जायेगी। प्रभारी ने कहा कि केंद्र में सरकार बनाने के लिये सभी पदाधिकारियों को केंद्र की भाजपा सरकार की विफलताओं का खुलासा करना होगा। कांग्रेस की बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा चुनाव के दोवेदारों को लेकर भी चर्चा की। वहीं पार्टी के दिग्गजों के बीच अंदरखाने चल रही जंग लोकसभा चुनाव के मौके पर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रही है जिसे मैनेज करने के लिये प्रदेश प्रभारी कई बार फटकार भी लगा चुके है। वहीं हाईकमान के निर्देश पर तीन दिवसीय प्रदेश दौरे पर पहुंचे प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह गुटीय खींचतान पर अंकुश लगाने और सबको साधकर लोकसभा चुनाव में मजबूती से खम ठोकने का फार्मूला भी तय करेंगे। कांग्रेस हाईकमान अब पांचों चुनाव समितियों की बैठकों में इस फार्मूले के साथ ही संभावित प्रत्याशियों के नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश में जुट गया है। कांग्रेस ने राज्य में मिशन 2019 के लिए ताकत झोंक तो दी है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद इसका जमीन स्तर पर अपेक्षित प्रभाव नजर नहीं आ रहा है। पार्टी लोकसभा की पांचों सीटों पर काबिज भाजपा को चुनौती देने और आम चुनाव में खाता खोलने के साथ ही अधिक संख्या में सीटें अपनी झोली में डालने की कोशिशों में जुटी है। इसके लिए सबसे पहले अपने घर को ही दुरुस्त करने की चुनौती से पार्टी को जूझना पड़ रहा है। पिछले चुनाव में जिस प्रकार कांग्रेस को पांचों लोकसभा सीटों पर हराने वाली भाजपा को भले ही मोदी फैक्टर का लाभ मिला हो लेकिन दोवेदारों को लेकर भाजपाईयों की एकजुटता ने भी जीत में अहम भूमिका निभाई। प्रदेश की जनता दो बार एकतरफा उलटफेर कर चुकी है। वहीं अब एक बार फिर कांग्रेस ने इन पांच संसदीय सीटों पर संभावित दावेदारों के नाम के पैनल जिला इकाइयों की ओर से प्रदेश को भेजे जा चुके हैं। नैनीताल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, टिहरी के साथ ही पौड़ी संसदीय सीट पर दावेदारों को लेकर रावत खेमे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खेमे के बीच असंतोष के सुर का असर विधायकों और पूर्व विधायकों के बीच खींचतान के रूप में सामने आ चुका है। इससे निपटने को प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह उत्तराखंड में डेरा डाल चुके हैं। बैठक में राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, उपनेता प्रतिपक्ष श्री करण महरा, विधायक श्री गोविंद सिंह कुंजवाल, फुरकान अहमद, श्रीमति ममता राकेश, आदेश चौहान, राजकुमार, पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल, पूर्व काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व काबिना मंत्री तिलक राज बेहड़, पूर्व विधायक डा- जीतराम, ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष संजय डोभाल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सरिता आर्य, सेवादल अध्यक्ष राजेश रस्तोगी, एनएसयूआई अध्यक्ष मोहन भंडारी आदि सदस्य मौजूद रहे।
कांग्रेस की एकजुटता बन सकती है भाजपा की मुसीबत
देहरादून। लोकसभा चुनाव के लिए गठित प्रदेश चुनाव समिति, समन्वय समिति, प्रचार समिति, मीडिया समन्वय समिति और चुनाव अभियान समिति की कमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह या राज्य के किसी भी दिग्गज के सुपुर्द करने के बजाय प्रदेश प्रभारी को ही सौंपी है। बीते दिनों लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन को प्रदेश संगठन की ओर से निर्धारित की गई प्रक्रिया से पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत समेत कई क्षत्रपों में नाराजगी देखी जा चुकी है। हांलाकि कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत अब तक लगातार चुनावी अभियान को लेकर सक्रिय है जबकि चुनाव लड़ने को लेकर वह हर बार इनकार करते दिखे। लेकिन उनकी ना के पीछे नाराजगी भी बड़ा कारण माना जा रहा है जो नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा के नाम से जुडा हुआ है। कांग्रेस के इन दोनो दिग्गजों की सियासी खंीचतान से पूरे प्रदेश के कांग्रेसी भी बेचैनी में है। पिछले दिनों भारी खंीचतान के बाद अब पार्टी में भले ही एकजुटता दिखाने की कोशिशे भी की जा रही है। विधानसभा सत्र के दौरान हरदा के धरने को समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस के सभी दिग्गजों ने इस खाई को पाटने का काम किया है। लेकिन लोकसभा के चुनाव से पूर्व कांग्रेस में दिख रही इस एकजुटता का बने रहना पार्टी के हित में भी है जबकि कुमाऊं की दो सीटों पर भाजपा के लिये भी चुनौतियां खड़ी कर सकते है। पिछले चुनाव में जिस प्रकार कांग्रेस को पांचों लोकसभा सीटों पर हराने वाली भाजपा को भले ही मोदी फैक्टर का लाभ मिला हो लेकिन दोवेदारों को लेकर भाजपाईयों की एकजुटता ने भी जीत में अहम भूमिका निभाई। प्रदेश की जनता दो बार एकतरफा उलटफेर कर चुकी है। वहीं अब एक बार फिर कांग्रेस ने इन पांच संसदीय सीटों पर संभावित दावेदारों के नाम के पैनल जिला इकाइयों की ओर से प्रदेश को भेजे जा चुके हैं। नैनीताल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, टिहरी के साथ ही पौड़ी संसदीय सीट पर दावेदारों को लेकर रावत खेमे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खेमे के बीच असंतोष के सुर का असर विधायकों और पूर्व विधायकों के बीच खींचतान के रूप में सामने आ चुका है। इससे निपटने को प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह उत्तराखंड में डेरा डाल चुके हैं।
/एन0एस0बघरी‘नरदा’