निजी अस्पतालों में ताले,सरकारी अस्पताल में बढ़ेे रोगी

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रुद्रपुर/किच्छा। एक ओर जहां क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 में संशोधन की मांग को लेकर निजी चिकित्सालयों में आज पांचवे दिन भी हड़ताल रही तो वहीं दूसरी ओर जिला चिकित्सालय में रोगियों की भारी भीड़ जुटी। आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री पर आश्वासन देने के बाद भी एक्ट में संशोधन करने और निजी चिकित्सालयों को नोटिस जारी करने की निंदा की। उनका कहना था कि जबतक उनका शोषण बंद नहीं होता हड़ताल जारी रहेगी। बहीं दूसरी ओर जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ- टीडी रखोलिया ने बताया कि निजी चिकित्सालयों में हड़ताल के चलते जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पुख्ता की गईं है ताकि उपचार कराने आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।किच्छा- प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बनाए गए नए कानून का विरोध करते हुए दर्जनों चिकित्सा केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवाओं बंद रखा गया।इस दौरान मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। चिकित्सकों का कहना था कि नए कानून के चलते स्वास्थ्य सेवा महँगी हो जायेगी तथा मरीजो को सेवाएं देने चिकित्सको के लिए आसान नहीं होगा साथ ही मरीजों को भारी खर्च उठाना पड़ेगा। इस मौके पर बाठला हॉस्पिटल, अरोरा हॉस्पिटल गुप्ता,हॉस्पिटल किशोर,हॉस्पिटल,टंडन हॉस्पिटल सहितअनेक चिकित्सा केंद्र बंद रखे।चिकित्सको ने नगर के मुख्य मार्गो रैली निकाली। विरोध प्रदर्शन करने डॉ राहुल किशोर, मृदुला किशोर, डॉ ए के गुप्ता, डॉ मयंक गुप्ता, जीएस बाठला,हरीश सिंह कार्की, रवि रावत, एस0एस संधू, धर्मेंद्र, रजनी,फरजाना, परवेज आदि थे।

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