देहरादून। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंची शिक्षिका के साथ हुए दुर्व्यवहार के चलते जहां पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री के व्यवहार की निंदा हो रही है और जगह जगह मुख्यमंत्री का पुतला फूंक विरोध किया जा रहा है तो वहीं शिक्षामंत्री अरविंद पांडे ने पीड़िता शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा से बात कर उसका दिल जीत इस मामले पर राजनीति कर रहे लोगों की मेहनत पर पानी फेर दिया। गत दिनों देहरादून में मुख्यमंत्री जनता दरबार लगा फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी बीच जनता दरबार में शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा पहुंच गयी और मुख्यमंत्री से मिलने की बात कहने लगी लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा अधिकारियों से उसकी नोंक झोंक हो गयी और हंगामा देख मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुस्से में आकर महिला को निलम्बन करने और उसे हिरासत में लेने के आदेश दे दिये। इसकी भनक जैसे ही कांग्रेसी और अन्य संगठनों को लगी तो उनमें आक्रोश फैल गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में मुख्यमंत्री के व्यवहार की निंदा होने लगी। घटना के अगले दिन विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंकते हुए इस घटना पर आक्रोश जताया और शिक्षिका का न्याय दिलाने के लिये मोर्चा खोल दिया। देहरादून से बाहर शिक्षामंत्री अरविंद पांडे को इस घटना की जानकारी लगी तो उन्होंने तुरन्त शिक्षिका को फोन कर उनकी सारी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। श्री पांडे ने शिक्षिका को बहन बोल शीघ्र ही उनसे जल्द मिलने का आश्वासन दिया और कहा कि उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वह देहरादून में 3 जुलाई को पहुंचेंगे और उनसे मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलायेंगे। शिक्षामंत्री ने स्वीकार किया कि जनता दरबार में उनके साथ गलत व्यवहार किया गया है और यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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