गडरी नदी के पुल पर बने गड्ढों की कोई नहीं ले रहा सुध
वर्षों से निर्माण की बाट जो रहा केलाखेड़ा के एनएच पर बना पुल,क्षेत्र के स्कूली बच्चे भी हुए परेशान
केलाखेडा। राज्य गठन के 18 वर्ष पश्चात भी शासन प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि एनएच-74 पर स्थित गडरी नदी के पुल पर हुए गहरे गîóो की कोई सुध नहीं ले रहे हैं। इस पुल पर होकर गुजरने वाले राहगीरो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार इन गड्ढो के कारण दुर्घटनाएं हो चुकी है परंतु निर्माणदाई संस्था व प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है। यहां बरसात के दिनो में सडक और गड्ढो में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। पुल की रेंलिग तक क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिससे कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास बन जाने के बाद केलाखेडा जहॉ अधिकारियों के लिए अनुपयोगी हो गया होगा ,पर आस पास के क्षेत्र के लिए इस मार्ग की उपयोगिता आज भी है। इसी पुल पर से होकर स्कूली बच्चे रोजाना विद्यालय आते-जाते है, जिससे उन्हे भी भारी दिक्कतो का सामना करना पडता है। केलाखेडा क्षेत्र प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डेय का विधान सभा क्षेत्र है। ऐसे में अगर शिक्षा मंत्री के विधान सभा क्षेत्र का यह हाल है तो उत्तराखण्ड में किस प्रकार की विकास की गंगा बह रही है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इन अव्यवस्थाओं और नकारेपन के लिए सरकार को इसकी जिम्मेदारी तय करनी होगी।
जल्द होगा समस्या का समाधानःडीएम
केलाखेडा। जब इस जनसमस्या को लेकर उत्तराचंल दर्पण सवांददाता ने दूरभाष पर जिलाधिकारी नीरज खैरवाल से वार्ता की तो उन्होने जल्द ही इस समस्या के निरारकरण का आश्वासन दिया। पुल की दुर्दशा सुधरेगी या पूर्व में स्थानीय नेताओं के द्वारा उठाये गएं इस मुद्दे में मात्र पूर्व की तरह आश्वासन ही रह जायेगा इस प्रश्न का जवाब तो भविष्य के गर्भ में है।
तो कांग्रेस का गढ़ होने से की जा रही उपेक्षा!
केलाखेडा। नगर में जहां एक ओर नगर को कांग्रेस का गढ कहा जाता है। पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर प्रत्याशी व वर्तमान में प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डेय को मात्र 740 मत ही मिल पाये थे। कहीं नगर की जनसमस्या को प्रदेश व केन्द्र सरकार द्वारा अनदेखा करना कही इसी का परीणाम तो नहीं। यह प्रश्न बुद्धिजीवियों के जहन में है। नगर में प्रदेश सरकार व केन्द्र की सरकार का नारा सबका साथ,सबका विकास का नारा मात्र स्लोगन बनकर रह गया है। प्रदेश में करीब डेढ़ वर्ष व केन्द्र में भाजपा की सरकार है पंरतु राष्ट्रीय राज मार्ग पर 1983 में बने पुल की सुध लेने की कोई जहमत नही उठा रहा है।