वेतन नही मिलने पर ठेका कर्मियों ने कुलपति को घेरा
पंतनगर। प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में पिछले माह का वेतन अब तक नही मिल पाने एवं गुहार लगाने पर सक्षम अधिकारी द्वारा अभ्रद व्यवहार किए जाने पर विवि में कार्यरत ठेका कर्मीआक्रोशित हो उठे। उन्होंने वेतन जल्द दिये जानेएवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्य वाही किए जाने की मांग को लेकर कुलपति काघेराव किया। तमाम गहमागहमी के बाद कुलपति के आश्वासन पर कर्मियों ने घेराव समाप्त किया और अपने काम पर लौटे। मालूम हो कि विवि के प्रौद्योगिकी महा विद्यालय मे लगभग 100 कर्मी ठेके पर कार्यरत है। अमूमन हर माह उन्हे समय से वेतन नहीं मिल पाता है। इस बा भी बीते माह का वेतन उन्हें अभी तक नहीं मिल पाया। घरेलू आर्थिक परेशानी के मद्देनजर उनका अक्रोश बढ़ता गया, जिसकी परिणिति गुरूवार को ठेका कर्मियों द्वारा प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और उसके बाद कुलपति के घेराव के रूप में देखने को मिली। गुरूवार को अक्रोशित ठेका कर्मी संयुत्तफ कर्मचारी मोर्चा के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी महा विद्यालय के सक्षम अधिकारी उप नियंत्रक एसपी कुरील के पास गये और वेतन दिए जाने की गुहार लगाई। कर्मियों का आरोप है कि उन्हे समय से वेतन दिए जाने के बजाय उप नियंत्रक ने उनके साथ अभ्रद व्यवहार किया और उन्हे कार्यालय से बाहर खदेड़ दिया। इस पर कर्मियों को अक्रोश और बढ़ गया। सभी कर्मी श्रमिक नेताओं के नेतृत्व में विवि के प्रशासनिक भवन पहुंचे और कुलपति का घेराव करते हुए वेतन जल्द दिए जाने एवं उप नियंत्रक के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की। साथ ही कर्मियों ने संयुत्तफ हस्तारित शिकायत भी कुलपति से की। कर्मियों की गुहार पर गौर करने के बाद कुलपति ने समय से वेतन दिए जाने एवं व्यवस्था चुस्त दुरूस्त किए जाने का आश्वासन दिया।इस दौरान मोर्चा अध्यक्ष, जर्नादन सिंह, रविन्द्र चैबे, डा. महेद्र शर्मा, एसएस मिश्रा, ओएन गुप्ता, संतोष कुमार, राम दशरथ, रामराज यादव आदि मौजूद रहे।
समय से वेतन के वायदे पर नहीं हो रहा अमल
पंतनगर। विवि में कार्यरत ठेका कर्मियों को समय से वेतन नहीं मिलना कोई नई बात नहीं है। इससे पूर्व भी अक्सर ठेका कर्मी समय से वेतन दिये जाने की मांग को लेकर विरोध प्रर्दशन करते रहे हैं और बार विरोध करने पर कुलपति एवं संबंधित अधिकारी के आश्वासन के झूठे पुलदें ठेका कर्मियों को देते रहे है। मालूम हो कि अनुबंध में ठेकेदार को प्रत्येक माह की सात तारीख तक वेतन दिये जाने की शर्त है। लेकिन अकसर इस शर्त की धज्जियां उड़ती रहती हैं।