पहाड़ों ने ओढ़ी बर्फ की चादर
कुमांऊ और गढ़वाल में कई जगह हुई बर्फबारी,निचले स्थानों पर बारिश ने बढ़ाई ठिठुरन
देहरादून/अल्मोड़ा। उत्तराखंड में पहाड़ियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है। मसूरी में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। जिससे पर्यटकों ने यहां आना शुरू कर दिया है। बदरी नाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही हेमकुंड साहिब मेंजमकर बर्फबारी हुई, वहीं निचले स्थानों में बारिश रुक रुककर हो रही है। विभाग के अनुसार मौसम का मिजाज और तल्ख होगा। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने देहरादून, उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और टिहरी के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। मसूरी के लाल टिब्बा में मौसम का पहला हिमपात हुआ। धनोल्टी, बुरांशखंडा, सुरकंडा, नागटिब्बा में बर्फबारी हुई। मसूरी में तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बीते रोज से घने बादल छाए हुए थे। बीती शाम से ही देहरादून, हरिद्वार, मसूरी और पौड़ी में बारिश शुरू हो गई, वहीं चारों धाम में हिमपात हो रहा है। केदारनाथ में करीब एक फीट बर्फ गिर चुकी है। बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हुए हैं। वहां मौजूद करीब चार सौ श्रमिक दिन भर अपने टेंटों में ही कैद रहे। उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी और दयारा बुग्याल में भी बर्फबारी हुई। मौसम विभाग के अनुसार न्यूनतम तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ। पौड़ी में बीती रात बारिश का दौर जारी है। थैलीसैंण के चोरीखाल, नागदेव, मांडाखाल में हल्की बर्फवारी हुई। देहरादून में बीती रात करीब 10 बजे से शुरू हुई बारिश मंगलवार सुबह 6 बजे थमी। वहीं, पछवा दून में बारिश हुई और चकराता में व उसके आस पास के पर्यटन स्थलों पर हिम पात हुआ, जिससे ठंड बढ़ गई।राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी के आसार हैं। इसके अलावा देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में बारिश के साथ ओले भी गिर सकते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) है। यह स्थिति करीब एक सप्ताह तक बनी रह सकती है। कुमाऊं में भी मौसम का मिजाज बदला। तराई व भाबर में बारिश हुई। अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के स्याहीदेवी, चैबटिया तथा द्वाराहाट में दूनागिरि, भरतकोट व पांडवखोली की चोटियों पर बर्फबारी हुई। वहीं, पिथौरागढ़ नगर के निकट सौरलेख, ध्वज, थलकेदार, चंडाक, चैकोड़ी में हिमपात हुआ। बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे गंगनानी से आगे बंद हो गया। धरासू यमुनोत्री राडी टाप व राणा चट्टðी से आगे बंद है। वहीं, पुरोली मोरी मार्ग जरमोला के पास मार्ग बंद हैं। मोरी जखोल मार्ग नैटवाड से आगे मार्ग बंद है। उत्तरकाशी लंबगांव मोटर मार्ग चैरंगी के पास हिमपात के कारण बंद है। हर्षिल घाटी, खरसाली, ओसला गंगाड के साथ भटवाडी, रैथल, बार्सू क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई। रुड़की और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार की शाम से बदले मौसम के मिजाज और तेज हवाओं के चलते रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई है। देर रात तक भी कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई थी। इसके बाद सुबह से भी कुछ जहां पर बिजली ना आने से लोगों की दिनचर्या गड़बड़ा गई है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने बताया कि बूंदाबांदी के चलते लाइन को दुरुस्त करने में परेशानी आ रही है। हरिद्वार व आसपास के क्षेत्रों में सोमवार की शाम से बदले मौसम के कारण तेज हवाओं और बारिश के चलते मौसम में ठंडक बढ़ गई है। रातभर बारिश सुबह थमी है। मौसम की खराबी के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई है। देर रात तक से बाधित हुई बिजली आपूर्ति सुबह तक बहाल नहीं हुई थी। इससे जलापूर्ति भी बाधित रही। ज्यूं-ज्यूं जनवरी माह अंतिम दिनों की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे प्रदेश में मौसम और भी सर्द होता जा रहा है। देहरादून एवं मसूरी में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। बीती रात साढ़े ग्यारह बजे फिर मौसम ने करवट बदली और शहर में झमाझम बारिश होने लगी। न्यूनतम पारा 8.4 सेल्यिसस से छह डिग्री सेल्सियस तक लुढ़कने से ठिठुरन भी बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ प्रभावी है। मौसम का मिजाज और तल्ख होगा। प्रदेश के कुछ जिलों में तीन दिन तक बारिश एवं बर्फबारी हो सकती है।