अपने अंदर लक्ष्य प्राप्ति और देश सेवा का जुनून पैदा करें युवाः राज्यपाल

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पंतनगर। उत्तराऽंड की राज्यपाल एवं पंतनगर विवि की कुलाधिपति बेबीरानी मौर्य ने युवाओं का आ“वान किया कि वे अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपने अंदर समाज और देश सेवा के लिए जुनून पैदा करें। स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती पर विवेकानंद स्वाध्याय मंडल के तत्वावधान में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक मनाए जा रहे युवा महोत्सव के पहले दिन विवि के रतन सिंह सभागार में ‘समाज में परिवर्तन लाने में युवाओं की आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों, बुद्धिजीवियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा कि युवाओं को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा, तभी वे अपनी पूरी ऊर्जा के साथ समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकेंगे। कहा कि जीविकोपार्जन के लिए कॅरियर और धन भी जरूरी है लेकिन इसमें ही ऽोकर अपने समाज और देश की सेवा के लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए। उन्होंने कहा देश के युवा विवेकानंद को गुरू मानकर उनके वंशज के रूप में देश सेवा का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं और आगे चलकर वे स्वयं आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं। देश में 65 प्रतिशत जन संख्या युवाओं की है,जिसे कुशल नेतृत्व की जरूरत है। युवाओं के योगदान के बिना देश विश्वगुरू नहीं बन सकता। साथ ही उन्होंने युवाओं का आ“वान किया कि हर युवा एक गांव को गोद लेकर विकसित करे और पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ- तेज प्रताप ने युवाओं की भूमिका का आधारभूत योगदान बताते हुए सफलता और व्यत्तिफ़त्व विकास के लिए महापुरूषों की पुस्तकें पढ़ने, चरित्रवान बनने, अपने बजाए समाज को ध्यान में रऽकर निर्णय लेने, सकारात्मकता के साथ पारदर्शी चरित्र बनाए रऽने, जीवन पर्यंत अध्ययन एवं सीऽने की निरंतरता बनाए रऽने, आत्मनिरीक्षण करते रहने, जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने, अपने अंदर लीडरशिप विकसित करने तथा परिणाम पर ध्यान केंद्रित करने आदि के टिप्स दिए। इसके अलावा आरएसएस की विचारक साध्वी प्रांजलि तथा राष्ट्रीय बौद्धिक प्रमुऽ स्वांत रंजन युवाओं को देश के निर्माण के लिए राष्ट्रधर्म का पालन करने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए मेधावी विद्यार्थियों मनीष कुमार व पूजा भारती को सम्मानित किया। युवा जागृति से जुड़ी पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। प्राध्यापक डॉ- एसके गुरू ने धन्यवाद दिया। संचालन शोध छात्र गिरजेश मेहरा ने किया।

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