विधायक और एसएसपी के विवाद के पीछे साजिश तो नहीं!
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दाते पर आरोप की सामने नहीं आई कोई वीडियो
रूद्रपुर। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा- सदानंद दाते और क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल आज आमने सामने आ खड़े हुए हैं जबकि पूर्व में जनता की समस्याओं के लिये दोनों के बीच तालमेल की जनता के बीच काफी तारीफ होती थी लेकिन आज एसएसपी और विधायक के बीच पड़ी दरार क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। विधायक राजकुमार ठुकराल जहां क्षेत्र में एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि है तो वही एसएसपी डा- सदानंद दाते भी क्षेत्र में एक सख्त अधिकारी के रूप में जाने और पहचाने जाते है। उत्तराखण्ड ही नहीं देश में श्री दाते की पहचान एक निष्ठावान और ईमानदार अधिकारी के रूप में है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से विधायक ठुकराल और एसएसपी डा- दाते आमने सामने आ गये है। डा- दाते का कहना है कि माननीय विधायक द्वारा सार्वजनिक रूप से उनपर गंभीर आरोप लगाते हुये उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया है। जबकि विधायक राजकुमार ठुकराल इससे इंकार करते है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में हुई लूट,डकैती और हत्या की घटना से पूर्व वह हमेशा एसएसपी की प्रशंसा करते थे और उन्होंने एसएसपी डा- सदानंद दाते पर कभी भी कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया मगर क्षेत्र में बढ़ रही लूट,डकैती और हत्या की घटनाओं से पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है। इसको लेकर ही उन्होंने ट्रांजिट कैंप और सीओ कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया था। ठुकराल के बयान के बाद ऐसा लग रहा है जैसे दोनों के बीच मनमुटाव कहीं किसी की साजिश तो नहीं है। इस साजिश के पीछे राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के साथ साथ गैर कानूनी कार्य कर रहे कारोबारी भी हो सकते हैं। विधायक राजकुमार ठुकराल का आरोप है कि एसएसपी के अधीनस्थ पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं और इसी को लेकर वह पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। लेकिन वह एसएसपी डा- सदानंद दाते के बयान से काफी आहत हैं। वह जनता के हित के लिए हर मुकदमे को सहने के लिए तैयार हैं। मगर बिना किसी दोष के उनको बदनाम करना भी गुनाह है। इस मामले को लेकर जब उत्तरांचल दर्पण टीम ने विधायक ठुकराल द्वारा ट्रांजिट कैंप थाना और सीओ कार्यालय में किये गये धरना प्रदर्शन के दौरान हुई भाषणबाजी, बयानबाजी को देखा तो कहीं भी एसएसपी पर आरोप लगते हुए नहीं दिखे। एसएसपी महोदय के पास पहुंची शिकायत के पीछे क्या आधार है यह भी एक जांच का विषय होना चाहिए। क्योंकि अभी तक ऐसी कोई भी वीडियो सामने नहीं आई है जिसमें वह एसएसपी पर आरोप लगा रहे हैं। एसएसपी के पास पहुंची शिकायत में कितना दम है इसकी जांच भी होना आवश्यक है क्योकि अब यह मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। विधायक ठुकराल का कहना है कि वह लम्बे अरसे से जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लड़ाई लड़ते चले आ रहे हैं। जनपद में अनेकों आलाधिकारी यहां तैनात रहे लेकिन उन्होंने कभी भी किसी भी अधिकारी के खिलाफ अशिष्ट भाषा का प्रयोग नहीं किया है। वह लगातार अधिकारियों के साथ तालमेल बैठाकर कार्य करते चले आये हैं। जनता के हकों की लड़ाई लड़ना उनका कर्तव्य है। विधायक ठुकराल ने कहा कि पुलिस और जनता एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि हर छोटी बड़ी समस्या के समाधान के लिए पीड़ित व्यक्ति पुलिस का ही दरवाजा खटखटाता है जिसके चलते जनता की सारी आशाएं पुलिस से होती हैं। ऐसे में यदि पुलिसकर्मी अपने दायित्वों का सही निर्वहन न करें तो उसके फलस्वरूप आवाज उठाना उनका हक है। क्योंकि जनता ने उनपर विश्वास कर अपना जनप्रतिनिधि चुना है और जनता के हित के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं। विधायक ठुकराल ने कहा कि एसएसपी दाते जनपद के कप्तान हैं और जनपद का पूरा पुलिस फोर्स उनके अधीन है। ऐसे में जनपद की जनता की अपेक्षाएं उन्हीं से हैं और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना उनका दायित्व है। विधायक ठुकराल ने कहा कि उनके अधीनस्थ कई पुलिसकर्मी अपने दायित्वों का सही निर्वहन नहीं कर रहे जिसके चलते उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ा। उन्होंने कभी भी एसएसपी डा- दाते पर कोई भी व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया है। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये हैं जिसमें सुधार होना चाहिए। बहरहाल जनपद के एसएसपी डा- दाते और विधायक ठुकराल के बीच पैदा हुई दरार के पीछे एक साजिश नजर आती है जिससे जनता जनार्दन भी काफी दुखी है।