बचपन से ही था लेखन और गायन का शौकःहैप्पी
रुद्रपुर। पंजाब के मशहूर सिंगर हैप्पी रायकोटी ने कहा कि उन्हें बचपन से ही लेखन और गायन का शौक था। बचपन की इस जिद और शौक ने संगीत को उनकी आदत बना दिया। जिसकी बदौलत आज वह इस मुकाम पर हैं कि उन्हें जनता का भरपूर स्नेह मिल रहा हैै और वह बेताब हैं कि जल्द से जल्द रूद्रपुर की जनता के सामने वह आयें और अपने गीतों की प्रस्तुति रखें क्योंकि रूद्रपुर उत्तराखंड में उनका यह प्रथम आगमन है। लेखक और गायक हैप्पी रायकोटी ने उत्तरांचल दर्पण संवाददाता से बात करते हुए बताया कि उनका जन्म रायकोट जुधियाना में हुआ था। परिवार में कोई भी सदस्य गायन व लेखन से नहीं जुड़ा था लेकिन उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक था जो जगरावां पंजाब उनके ननिहाल में जाकर परवान चढ़ा। क्योंकि उनकी ननिहाल में एक रिश्तेदार राइटर थे जिन्हें देख उन्होंने लेखन शुरू किया। लेखन के साथ साथ गायन का भी शौक बढ़ता गया और जब वह कक्षा 7 में पढ़ते थे तो पहली बार उन्होंने स्कूल में गायन प्रस्तुत किया जिसकी उन्हें काफी सराहना मिली। तब से उनका यह शौक आदत और जुनून में बदलता चला गया। वर्ष 2017 में उनकी पहली एलबम जान न छडगे दस तेरे लई आयी जिसने रिकार्ड तोड़ दिये। यह गीत युवाओं ने खासकर पसंद किया। इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा और लगातार संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ते गये। जिसको लेकर उन्होंने वर्ल्ड टूर किया। वर्ल्ड टूर में वह यूएसए, आस्ट्रेलिया, कनाडा, इंगलैंड गये जहां उन्होंने अपनी प्रगस्तुति दी। हैप्पी रायकोटी ने बताया कि गाना लिखना व गाना गाना उनका शौक रहा है। और अब तक उनकी अनेक एलबम आ चुकी हैं तथा 400 से ज्यादा गाने वह गा चुके हैं जिसमें अधिकांशतः गाने उन्होंने स्वयं लिखे हैं। उनका प्रयास है कि वह अपने लिखेा ही गाने गायें लेकिन कभी कभार अन्य लेखकों के लिखे गाने भी वह गाते हैं। एक सवाल के जबाब में उन्होंने बताया कि मशहूर डायरेक्टर एकता कपूर की वेब सीरीज में उन्होंने एक गाना लिखाहै और जल्द ही बालीवुड से उन्हें लेखन व गायन के लिए अनेक प्रस्ताव आ रहे हैं। रायकोटी ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी पॉप संगीत को पसंद करती है क्योंकि भागदौड़ की जिंदगी में पॉप संगीत सुन वह रिलैक्स चाहती है। उन्होंने कहा कि गायिकी की असली जान सूफी संगीत है जो मनुष्य को बेहद सुकून और शान्ति देती है। अपने रूद्रपुर आगमन को लेकर उत्साहित रायकोटी ने कहा कि रूद्रपुर आकर उन्हें एहसास नहीं हुआ कि वह पंजाब से बाहर उत्तराखंड राज्य में हैं। यहां आकर उन्हें मिनी पंजाब का एहसास हो रहा है और वह जल्द से जल्द मंच पर आकर रूद्रपुर की जनता से मिलने को बेताब हैं। इस दौरान पंजाबी महासभा अध्यक्ष हरीश जल्होत्र, महामंत्री सुधांशु गाबा, कोषाध्यक्ष पंकज कालड़ा, मोहित बत्र, रराजेश कामरा, संजय ठुकराल आदि मौजूद थे।