आरपीएफ के जवानों ने वनभूलपुरा में किया फ्रलैग मार्च

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हल्द्वानी।लगता है सन 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखने जा रही है या कश्मीर से धारा 370 खत्म करने जा रही है। जिसको लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह से तैयारी में जुट गए हैं। इसीलिए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रें में आरएएफ द्वारा फ्रलैग मार्च किया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन रैपिड एक्शन फोर्स 108 बटालियन मेरठ और जिले की पुलिस सहित पूरे वनभूलपुरा में न सिर्फ फ्रलैग मार्च किया बल्कि हर गली-मोहल्ले में जाकर चप्पे-चप्पे की जानकारी ली। ताकि दंगों से संबंधित इलाकों और वजहों को भी प्रमुखता से जाना। मेरठ से आरएएफ की टीम चार दिवसीय दौरे पर नैनीताल जनपद पहुंची हुई है। पुलिस के साथ तालमेल, परिचय, साम्प्रदायिक दंगों, संवेदनशील इलाकों की जानकारी लेकर भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। इसी क्रम में आरएएफ ने असिस्टेंट कमांडेंट सोनिया सिंह के नेतृत्व में वनभूलपुरा में फ्रलैग मार्च निकाला। इस दौरान फोर्स ने वनभूलपुरा, इंदिरानगर की हर गली मोहल्ला का भौतिक सत्यापन किया। फोर्स की मदद के लिए वनभूलपुरा पुलिस भी साथ में थी। नैनीताल जिले अति संवेदनशील श्रेणी में आता है। इस वजह से जिले में कानून व्यवस्था, भौगोलिक जानकारी, आपराधिक तत्वों की जानकारी, संवेदनशील, अतिसंवेदनशील क्षेत्रें की पहचान, स्वयंसेवी संस्थाएं, सामाजिक संगठनों की जानकारी ली जा रही है ताकि दंगे, दैवी आपदा की स्थिति में जरूरतमंदों की मदद की जा सके। ऐसा लगता है कि सन 2019 में लोकसभा चुनाव से पूर्व भारत सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखेगी या कश्मीर में धारा 370 समाप्त करेगी। जिसके बाद मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रें में दंगे न भड़कें इसको लेकर पुलिस प्रशासन व शासन अभी से तैयारियों में जुट गया है। इसीलिए आरएएफ द्वारा वनभूलपुरा में फ्रलैग मार्च किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व आरएएफ हल्द्वानी में कमला कांड, बाबरी मस्जिद कांड तथा आरक्षण कांड में भी तैनात रह चुकी है। बाबरी मस्जिद कांड में तो नागा पुलिस भी वनभूलपुरा में तैनात रही थी। आरक्षण व उत्तराखंड आंदोलन के दौरान पंजाब पुलिस भी यहां तैनात हो चुकी है। मुस्लिम क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने आरएएफ के फ्रलैग मार्च पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे शांतिभंग करने का प्रयास बताया। उनका कहना था कि जब सरकार ही आरएएफ का फ्रलैग मार्च कराकर शांति भंग कराने का प्रयास कर रही है तो क्या कर सकते हैं।

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