अब श्रमिकों का रूकेगा शोषण,केन्द्र का मिला प्रतिनिधि

केन्द्र सरकार ने डा-सुरेश गंगवार को बनाया केन्द्रीय सलाहकार समिति का सदस्य

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रूद्रपुर। उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के बाद राज्य के विकास और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हरिद्वार,ऊधमसिंहनगर और सितारगंज में सिडकुल की स्थापना की गई और जिसमें देश के बड़े-बड़े उद्योग घराने पहुंचे। जिन्होंने यहां उद्योग लगा राज्य के विकास को नई दिशा दी। उद्योगों की स्थापना से जहां राज्य की आय बढ़ी तो वही बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध होने लगा। लेकिन इसके साथ ही श्रमिकों के उत्पीड़न की घटनाओं में भी काफी इजाफा हुआ। कभी ठेकेदारों पर उत्पीड़न तो कभी उद्योग प्रबंधन पर उपेक्षा का आरोप लगा कर श्रमिक अपने हक की मांग करते रहे। लेकिन पूंजीपतियों और श्रम विभाग की मिलीभगत से हमेशा श्रमिकों का ही उत्पीड़न होता रहा। अपनी जायज मांगों को लेकर श्रमिक संगठन आये दिन उद्योगों के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुये नजर आते रहते हैं लेकिन हमेशा श्रमिकों की ही आवाज दबती रही। पूंजीपति,श्रम विभाग और पुलिस की मिलीभगत से श्रमिकों के उत्पीड़न की घटनाएं आम है। कभी प्रशासन के दबाब के चलते तो कभी पुलिस बल के सहारे श्रमिकों की आवाज को कुचल दिया जाता है। लेकिन अब महिला श्रमिकों को अपना हक मिलने की उम्मीद जगी है। केन्द्रीय समान परिश्रमिक अधिनियम 1976 के अधीन केन्द्रीय सलाहकार समिति के सदस्य के तौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद गंगवार के पुत्र डा- सुरेश कुमार गंगवार को नामित किया गया है। इस समिति के पदेन अध्यक्ष केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्री स्वयं होते हैं। यह समिति केवल सिफारिश करने मात्र तक सीमित नही है बल्कि इस समिति के पास श्रमिकों के उत्पीड़न पर जुर्माना लगाने की संस्तुति करने की भी शक्ति है। इस समिति के अधिकार क्षेत्र का एहसास इस बात से लगाया जा सकता है कि इस 21 सदस्यीय समिति में पदेन सदस्य अधिकांश आईएएस अधिकारी होते है जिसमें सचिव-श्रम और रोजगार मंत्रलय,संयुक्त सचिव-श्रम और रोजगार मंत्रलय (प्रभारी बाल एवं महिला श्रम),संयुक्त सचिव- महिला एवं बाल विकास मंत्रलय, सलाहकार-श्रम और रोजगार प्रभाग नीति आयोग, सचिव- श्रम विभाग, तेलंगाना सरकार, सचिव-श्रम विभाग, उड़ीसा सरकार,सचिव- श्रम विभाग दिल्ली सरकार,सदस्य सचिव-राष्ट्रीय महिला आयोग इसके पदेन सदस्य हैं। गैर सरकारी सदस्य में लोक सभा सांसद श्रीमति नीलम सोनकर और राज्य सभा सांसद श्रीमति थोतासीथारमन लक्ष्मी को शामिल किया गया है। इस केन्द्रीय सलाहकार समिति में उत्तराखण्ड से डा0 सुरेश कुमार गंगवार को शामिल किया गया है। श्री गंगवार को मास्टर ऑफ सोशल वर्क और समाजशास्त्र में पीएचडी जैसी उच्च शैक्षणिक योग्यता देखते हुये इसका सदस्य बनाया गया है। श्री गंगवार  वर्तमान में अखिल भारतीय पंचायत परिषद,उत्तराखण्ड,अखिल भारतीय कुर्मी क्षेत्रिय पिछड़ा महासभा, उत्तराखण्ड,शनिदेवा मत्सय जीवी सहकारी समिति, शनिदेवा श्रम सहकारी समिति,राम प्रसाद कुंदन लाल ऐजुकेशन एण्ड वेलफेयर सोसायटी आदि संस्थाओं के अध्यक्ष भी हैं। इसके साथ ही अध्यक्ष जिला पंचायत ऊधमसिंहनगर के प्रतिनिधि,अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय पिछड़ा महासभा, भारत के सदस्य,जिला योजना समिति ऊधमसिंहनगर के सदस्य,जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के भी सदस्य है। यही नही श्री गंगवार भारत सरकार की विभिन्न समितियों के भी सदस्य रह चुके है जिनमें मुख्य रूप से ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार की  राज्य स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति,इस्पात मंत्रलय की इस्पात उपभोक्ता परिषद, उत्तराखण्ड, नागरिक उड्डयन मंत्रलय द्वारा नामित हवाई अड्डा सलाहकार समिति आदि शामिल है। श्री गंगवार छात्र जीवन से ही संर्घषशील रहे हैं। उन्होंने महात्मा ज्योतिवा फूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रमुख रहते हुये छात्रें की कई समस्याओं का समाधान करवाया। आज भी श्री गंगवार गरीबों और असहाय की सहायता करने के लिये कभी पीछे नही हटते। सामाजिक,गैर सरकारी और सरकारी संस्थाओं में विभिन्न पदों पर रहते हुये लोगों के हितों के लिये संघर्ष करते रहे हैं। श्री गंगवार की माता श्रीमति सुशीला गंगवार 10 साल जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। अब उनके पिता ईश्वरी प्रसाद गंगवार जिला पंचायत अध्यक्ष है। श्री गंगवार परिवार समाज सेवा से भी पीछे नही रहता है। समय-समय पर गरीबों, विधवाओं,निराश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता रहता है। कई बार निः शुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करते रहते है। यही नही डा0 गंगवार वन्य जीवों के अवैध शिकार के खिलाफ भी एक अभियान चला कर लोगों को वन्य जीवों के प्रति दयाभाव के लिये जागरूक करते रहे है। अब केन्द्रीय समान परिश्रमिक अधिनियम 1976 के अधीन केन्द्रीय सलाहकार समिति का सदस्य बनने पर श्री गंगवार पर बाल श्रमिक और महिला श्रमिकों के हकों की रक्षा की जिम्मेदारी है। श्रमिकों को उम्मीद है कि श्री गंगवार के केन्द्र का प्रतिनिधि बनने से उनका उत्पीड़न कम होगा और उनको उनका हक मिल सकेगा।
श्रमिकों को दिलाया जायेगा उनका हकः गंगवार
रूद्रपुर। केन्द्रीय समान परिश्रमिक अधिनियम 1976 के अधीन केन्द्रीय सलाहकार समिति के सदस्य डा- सुरेश कुमार गंगवार का कहना है कि वह श्रमिकों के हकों के लिये हरसम्भव कोशिश करेंगे। राज्य के विकास के लिये औद्योगिक शांति आवश्यक है। उनका प्रयास रहेगा कि श्रमिकों को उनका हक मिले और उद्योग शांतिपूर्ण चलते रहेंगे। यदि किसी उद्योग प्रबंधन द्वारा श्रमिकों का उत्पीड़न किया गया तो उसके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। इसके साथ श्रमिकों का भी कर्तव्य है कि वह अनावश्यक रूप से किसी उद्योग प्रबन्धन पर दबाब न बनाये। श्री गंगवार ने कहा कि कठोर नियमों के बावजूद भी उद्योग और कारखानों में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने की सूचनाए है। इसके लिये वह एक वृहद अभियान चलायेंगे और बाल श्रमिकों को यहां से निकालकर उनकी काउंसलिंग कराई जायेगी। श्री गंगवार ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता को कोई पता नही है,उनके लिये चाईल्ड केयर सेन्टर की भी स्थापना कराई जायेगी। जहां बच्चों को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जायेगा। ताकि बालिग होने पर वह अपना रोजगार कर सके। श्री गंगवार का कहना है कि श्रमिकों के प्रति पुलिस उत्पीड़न की खबरे आये दिन सुनने को मिलती है।  इस पर भी रोक लगवाने का पूरा प्रयास किया जायेगा। ताकि किसी श्रमिक को बेवजह पुलिस उत्पीड़न का शिकार न होना पड़े।

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