सामान्य 317 व अगैती 327 रुपये…सरकार ने घोषित किया गन्ना समर्थन मूल्य
पूर्व सीएम हरीश रावत ने दी थी अनशन की चेतावनी, किसान पंचातय का ऐलान जल्द: काजी
देहरादून। राज्य सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। आज जारी आदेश के अनुसार अगैती प्रजाति के लिए 327 रुपये प्रति कुंतल की दर तय की गयी है जबकि सामान्य प्रजाति के लिए 317 रुपये मिलेगा। गन्ना मूल्य भुगतान की प्रति हर महीने शासन को भेजनी होगी। राज्य सरकार की ओर से कहा कि घोषित गन्ना मूल्य उत्तर प्रदेश से ज्यादा है। संयुक्त सचिव प्रदीप जोशी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। पेराई सत्र 2018-19 के लिए यह मूल्य निर्धारित किया गया है। राज्यपाल ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है। प्रस्तावित मूल्य मिल के गेट पर होने वाली तौलाई में मिलेगा, जबकि चीनी मिलों के बाहर के क्रय केंद्रों से गन्ने की ढुलाई के बदले 11 रुपये प्रति कुंतल कटौती की जाएगी। शासन ने आयुक्त गन्ना एवं चीनी को निर्देश दिये हैं कि उत्तराखंड राज्य की सभी सहकारी, सरकारी एवं निजी क्षेत्र की समस्त चीनी मिलों पर यह आदेश लागू होगा। शासन ने आदेश दिये हैं कि पेराई सत्र 2018-19 के लिए उक्त दरों पर ही भुगतान कराया जाए। भुगतान के लिए शासन ने सख्ती दिखायी है। आदेश में कहा गया है कि गन्ना मूल्य भुगतान की प्रति हर माह शासन को भेजी जाए। गन्ना मूल्य घोषित न करने को लेकर इसी हफ्ते पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार को आड़े हाथ लिया था। रावत ने गन्ना किसानों को भुगतान न होने और क्रय केन्द्र नहीं खोलने के मामले में किसानों के साथ धरने पर बैठने का ऐलान भी किया था। उल्लेखनीय है कि गन्ना किसानों का मिलों पर 300 करोड़ से अधिक बकाया है। गन्ना मूल्य घोषित न होने के कारण पेराई की दिक्कतें भी आ रही थी। किसानों की मांगों को प्रमुखता से उठाने वाले कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य पर कई सवाल खड़े किये हैं। काजी ने कहा है कि पिछले साल की तुलना में सिर्फ एक रुपये मूल्य बढ़ाया गया है। किसानों की समस्याओं को लेकर किसान पंचायत करने का ऐलान कर चुके काजी निजामुद्दीन ने कहा कि सरकार ने जो मूल्य घोषित किया है, वह किसान की जगहंसाई करने जैसा है। एक कुंतल गन्ने पर सिर्फ एक रुपया बढ़ाया गया है, लेकिन सरकार इस बात पर क्यों नहीं सोच रही कि उसने डीजल, बिजली, उर्वरक और दवाइयों के दाम कितने ज्यादा बढ़ा दिये। काजी ने कहा कि सरकार एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है, वहीं किसानों की उपज पर इतना कम पैसा दे रही है कि किसानों के द्वारा खरीदे जाने वाली वस्तुओं को इतना अधिक महंगा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इकबालपुर मिल में स्थानीय लोगों का गन्ना नहीं लिया जा रहा है और यूपी और हरियाणा के किसानों के गन्ने की खरीद हो रही है। सरकार खरीद केंद्रों को ठीक करे। इस संबंध में काजी ने बुधवार को गन्ना मंत्री प्रकाश पंत से भी मुलाकात की थी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि किसान पंचायत के लिए मशविरा किया जा रहा है और जल्द ही किसानों की समस्याओं का निराकरण न हुआ तो इसका ऐलान कर दिया जाएगा।