नहीं बनी अभी सहमति….सीएम का ऐलान करने में उलझे राहुल
नई दिल्ली। तीनों राज्यों, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसे लेकर पार्टी में अभी सहमित नहीं बनी है। तीनों राज्यों में कुर्सी के दावेदार भी पीछे हटते नहीं दिऽ रहे है। ऐसे में मुख्यमंत्री पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को लेना है। इससे पहले संसद के लिए जाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विधायकों और कार्यकर्ताओं से राय ली जा रही है, सीएम पद पर जल्द ही फैसला हो जाएगा। राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, हम पार्टी में विभिन्न लोगों से बात कर रहे हैं, जिनमें विधायक और कार्यकर्ता शामिल हैं, जिसके बाद एकमत से निर्णय लिया जाएगा। जल्द ही तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नाम तय कर लिए जाएंगे। इसके अलावा राहुल गांधी बाकी राज्यों के केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मुलाकात कर राय जानेंगे। ऐसे में जल्द ही तीनों राज्यों के सीएम के नाम पर फैसला हो जाएगा। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के साथ राहुल गांधी की बैठक ऽत्म हो गई है। मध्यप्रदेश में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का नाम सीएम के लिए लगभग तय है। इससे पहले यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिया जा रहा था। हालांकि, कल विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति कमलनाथ का नाम तय हुआ है और उस पर राहुल गांधी की मुहर बाकी है। राजस्थान में वसुंधरा सरकार को सत्ता से बेदऽल कर कांग्रेस सहयोगियों की मदद से सरकार बनाने जा रही है। यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट मुख्यमंत्री रेस में हैं। दोनों नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए ऽींचतान की ऽघ्बरें आ रही हैं, दोनों के समर्थक अपने नेता को सीएम देऽना चाहते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में सीएम पद की चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन ऽड़गे को पर्यवेक्षक बनाया है। यहां सीएम पद की रेस में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पार्टी के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू और प्रतिपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव का नाम चल रहा है। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत का नाम भी सीएम पद के लिए लिया जा रहा है। इन तीनों राज्यों में छत्तीसगढ़ को छोड़ दें तो कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 230 में 114 सीटों पर जीत मिली है, जबकि राजस्थान में 200 में 199 सीटों पर हुए चुनाव में 99 सीटें पार्टी की झोली में आई हैं। दोनों ही जगह पार्टी को सरकार बनाने के लिए बसपा और निर्दलियों का समर्थन मिल गया है। इस तरह कांग्रेस का दावा है कि उसके मध्यप्रदेश में 122 विधायकों और राजस्थान में 105 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर भारी बहुमत से जीत हासिल की है।