मंदिर परिसर बना जुआरियों व शराबियों का अड्डा
रुद्रपुर। ट्रांजिट कैंप का प्रमुख धार्मिक स्थल श्री गोविंद मंदिर पिछले काफी समय से जुआरियों व शराबियों का अड्डा बना हुआ है। यहां प्रातः से ही जहां जुआरी अलग अलग दरियां बिछाकर जुआ खेलने बैठ जाते हैं तो वहीं अपरान्ह से लेकर रात्रि तक शराब पीने वाले भी नशे की हालत में इधर उधर झूमते दिखायी देते हैं। ऐसा भी नहीं कि मंदिर समिति व थाना पुलिस को इसकी कोई जानकारी न हो लेकिन उनके द्वारा इस ओर कोई कार्रवाई न करने से जुआरियों व शराबियों के हौसले इस कदर बढ़ चुके हैं कि वह खुलेआम कहते हैं कि उन्हें इस स्थान पर जुआ खेलने व शराब पीने से कोई नहीं रोक सकता। जुआरियों व शराबियों से तंग पूर्व में कई बार जागरूक नागरिक कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात कर चुके हैं लेकिन आज तक मंदिर की पवित्रता को बचाया नहीं जा सका है। प्रातःकाल एवं सायंकाल मंदिर में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरूष श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है। बीच मार्ग में दिन में जुआरी और रात में नशे में झूमते लोग उनके बाधक बन जाते हैं। जागरूक लोगों नेमंदिर समिति व थाना पुलिस से भी कार्रवाई की कई बार मांग की लेकिन किन कारणों से समिति एवं थाना पुलिस जुआरियों एवं शराबियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है इसको लेकर क्षेत्र में कई चर्चाएं चर्चा में रहती हैं। थाना पुलिस द्वाराएसएसपी के निर्देश पर क्षेत्र में अवैध शराब एवं जुआरियों के खिलाफ अभियान तो चलाया जाता है लेकिन थानाध्यक्ष सहित समस्त थाना पुलिस को ट्रांजिट कैंप के बीचोबीच स्थित धार्मिक स्थल गोविंद मंदिर नजर नहीं आता जहां खुलेआम न सिर्फ जुआ खेला जाता है बल्कि शराब के नशे में लोग भी इधर उधर घूमते रहते हैं। क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि शराब तस्कर मंदिर के आसपास घूमते रहते हैं और उन्होंने यहां अपने अड्डे भी बना रखे हैं जहां से अवैध शराब की आपूर्ति की जाती है। थाना पुलिस द्वारा मंदिर के समीप ही स्थित फुटबाल मैदान में कई बार दबिश देकर अवैध शराब के साथ लोगों को गिरफ्रतार भीा किया गया लेकिन गोविंद मंदिर के आसपास बिकने वाली अवैध शराब की ओर पुलिस जानबूझकर ध्यान नहीं देना चाहती। शराबियों व जुआरियों की हरकतों से मंदिर की पवित्रता को पिछले कई वर्षों से भंग हो रही है। यदि समय रहते मंदिर समिति एवं थाना पुलिस ने मंदिर परिसर की पवित्रता बनाये रखने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया तो दोनों ही को क्षेत्रवासियों के विरोध का कड़ा सामना करना पड़ सकता है।