नये परिसीमन से जिला पंचायत के सामने आर्थिक संकट

राजस्व में आयी गिरावट,सीएम से की कार्यदायी निर्माण संस्था का जिम्मा सौंपे जाने की मांग

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रुद्रपुर,5दिसम्बर। प्रदेश सरकार द्वारा जनपद में नगर निकायों के पुनः परिसीमन कराये जाने के पश्चात जिला पंचायत के क्षेत्र में जहां भारी कमी आयी है वहीं इसका सीधा प्रभाव जिला पंचायत के राजस्व की हानि के रूप में उठाना पड़ रहा है। समय रहते जिला पंचायत की आय बढ़ाने के प्रयास नहीं किये गये तो आने वाले समय में कर्मचारियों के वेतन सहित जिला पंचायत की व्यवस्थाओं को संचालित करने के लिए आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद गंगवार ने इस संदर्भ में गत दिनों जनपद आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन सौंपकर उन्हे इस पीड़ा से अवगत कराया। श्री गंगवार ने बताया कि जब से निकाय चुनाव से पूर्व जनपद में पुनः परिसीमन का कार्य कराया गया इसका सीधा प्रभाव जिला पंचायत की आय पर पड़ा। उन्होंने बताया कि काशीपुर, रूद्रपुर एवं सितारगंज में स्थित औद्योगिक इकाईयों द्वारा भी जिला पंचायत को राजस्व नहीं दिया जा रहा। शासनादेश के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रें में होने वाले निर्माण कार्यों के मानचित्र पास करने का अधिकार जिला पंचायत को दिया गया बावजूद इसके जिला पंचायत से मानचित्र पास नहीं कराये जा रहे हैं। श्री गंगवार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रें में राजस्व वसूली हेतु लदान ढुलान के ठेके जो पूर्व में जिला पंचायत द्वारा दिये जाते थे वर्तमान में पूर्ण रूप से बंद हो चुके हैं। उक्त सभी कारणों से भी जिला पंचायत की आय भी काफी प्रभावित हुई है। पूर्व में जो विकास कार्य जिला पंचायत के माध्यम से कराये जाते थे उन्हें भी अब लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया है। वर्तमान में जिला योजना वर्ष 2018-19 के अन्तर्गत कार्यदायी संस्था जिला पंचायत के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रें में सड़क निर्माण कराये जाने हेतु पंचायती राज विभाग को 7-5 करोड़ की धनराशि आवंटित की गयी। उनका कहना था कि जिला योजना की जनपद प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई जिसमें सर्वसम्मति से जिला योजना से प्राप्त धनराशि से निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था जिला पंचायत से कराने का प्रस्ताव भी लिखित एवं मौखिक रूप से सदन द्वारा पारित किया गया लेकिन शासनादेश के अनुरूप ग्रामीण सड़क हेतु जिला पंचायत को धनराशि अवमुक्त नहीं की गयी। शासन में पूर्व में ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण के लिए 10-10 करोड़ के कार्य कराये जाने को लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया जिसे विभाग द्वारा आज तक पूर्ण नहीं किये गये। श्री गंगवार ने कहा कि जनपद के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत में शामिल हो चुके हैं जबकि कर्मचारी पूर्व की भांति हैं। ऐसी परिस्थिति में जिला पंचायत की व्यवस्थाओं को संचालित करना मुश्किल हो गया है। यदि सरकारने जिला पंचायत की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए जिला पंचायत को जिला पंचायत के अधिकार देने के साथ ही अन्य आय स्रोत के संसाधन उपलब्ध नहीं कराये तो भविष्य में जिला पंचायत को भारी आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ेगा जिसका सीधा प्रभाव ग्रामीणक्षेत्रें के विकास के साथ ही जनसमस्याओं के समाधान कराने पर भी पड़ेगा। श्री गंगवार ने कहा कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रें में स्थित समस्त उद्योगों को जिला पंचायत को नियमानुसार राजस्व देने के लिए सरकार अपने स्तर से कदम उठाये।ा साथ ही पंचायत क्षेत्र में मानचित्रें के नक्शे पास करने का पूर्ण अधिकार भी जिला पंचायत को दिया जाये। ग्रामीण क्षेत्रें में विकास कार्यों को कराने के लिए जिला पंचायत को सरकारी भूमि का उपयोग करने का अधिकार दिया जाये ताकि ग्रामीण क्षेत्र विकसित हों और इससे जिला पंचायत को आर्थिक लाभ मिल सके। श्री गंगवार ने प्रदेश सरकार से जिला पंचायत को आर्थिक मदद भी देने की मांग की।

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