शीतकालीन सत्र प्रारंभ…2452 करोड़़ का अनुपूरक बजट पेश
सदन में पूर्व सीएम पंडित तिवारी का दी गई श्रद्धांजलि
देहरादून। विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से प्रारंभ हो गया। संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को श्रद्धांजलि देने के लिए अनुपूरक बजट व जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवथा अधिनियम को पेश करने को छोड़ सभी विषय स्थगित करने का अनुरोध किया। जिस पर पीठ ने अनुरोध को स्वीकार किया। उत्तराखंड के पूर्व सीएम रहे पंडित एनडी तिवारी की याद में आज विधानसभा के सदन में शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन विधानसभा सत्र का प्रश्नकाल स्थागित कर स्व-तिवारी को श्रदाजली अर्पित की गई। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि तिवारी जी को उत्तराखण्ड में जो योगदान है, उनका निधन एक युग का अंत है। पंडित तिवारी ने तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में उत्तरप्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश का विकास किया। उन्होंने कहा कि विराट व्यक्तित्व के धनी पंडित तिवारी के योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता। वही वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि कैसे उनके बिना सदन के सदस्य बने सदन में बैठने पर उन्होंने अपनी बात रखी थी, तब तिवारी जी उन्हें शांत कर बैठा दिया था।पंत ने कहा कि तिवारी के पिता आजादी की लड़ाई में भी आगे रहे। नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृद्येश ने कहा कि पंडित तिवारी का निधन उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश के लिये अपूर्णीय क्षति है। उनका जीवन बेहतर था, उन्होंने विकास का रास्ता बनाया आज उसी रास्ते पर हम सभी चलने का प्रयास करेंगे, इसके अलावा सदन में यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, हरक सिह रावत, बंशीधर भगत ने स्मरण पेश कर उन्हें श्रद्वाजली अर्पित कर याद किया। इसके बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने 2452 करोड़़ रूपये अनपुरक बजट पेश किया गया। इस दौरान प्रकाश पंत ने प्रेस को बताया कि बजट में अपराध पीड़ित सहायता कोष के लिए 2 करोड का बजट पेश किया गया है। वही उन्होने बताया कि पुलिस आवासीय भवन के लिए 2 करोड़ , सर्व शिक्षा अभियान के लिए 20 करोड, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 10 करोड़ ,हॉस्टल के लिए 5 करोड़ , अटल आयुष्मान योजना के लिए 71 करोड़ , किसान पेंशन योजना के लिए 25 करोड़ , इसके अलावा मुम्बई में उत्तराखण्ड भवन हेतु 5 करोड़, लोक निर्माण विभाग के लिए 170 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विस अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने बताया कि तीन दिन तक चलने वाले सत्र के लिए विधायकों ने 350 प्रश्न लगाए हैं, जबकि 107 याचिकाएं प्रस्तुत की गई हैं। पांच याचिकाएं लंबित हैं।