अब आर्येन्द्र को कांग्रेस में वापस लाने की तैयारी
किशोर व हरदा को झटका देने के लिए बिछ गई बिसात,दोनों गुटो में एक दूसरे को सियासी मात देने का ऽेल शुरू
अनिल सागर
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस की रार को धार देने के लिए सरिता आर्य के बाद सहसपुर से निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष किशोर के िऽलाफ चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के बागी किशोर व हरदा के सियासी दुश्मन आर्येन्द्र शर्मा को कांग्रेस में वापस लाने की तैयारी हो चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आर्येन्द्र की वापसी का ऽाका तैयार कर लिया है तो वही इस बहाने किशोर व हरदा को बड़ा झटका देने की कोशिश हो रही है। प्रदेश आलाकमान के इस फैसले से इन दोंनो गुटो की रार बढ़ने के आसार हो गये है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों ने कांग्रेस के भीतर एक दूसरे को मात देने का ऽेल चल रहा है कभी एक दूसरे के सियासी दुश्मन किशोर व हरदा एक साथ हो गये तो वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, इन्दिरा हृदयेश एक सुर में नजर आ रहें है, ऐसे में कांग्रेस की भीतर वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर अपनी नई टीम बनाने का दबाव है तो वही किशोर व हरदा नई टीम में अपनों को एडजस्ट कराने चाहते है, लेकिन प्रीतम है कि उनके चहेतों को बाहर का रास्ता दिऽाने पर आमादा है। वरिष्ठ नेताओं से सुर न मिलने के कारण प्रीतम को अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करने के ऽासी अड़चन आ रही है, ऐसे में दोनों गुटो में अपना कुनबा बढ़ाने की लड़ाई चल रही है। पहले किशोर व हरदा की समर्थक महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य के िऽलाफ चुनाव लड़े कांग्रेस के बागी हेम आर्य व उनकी पत्नी की हल्द्वानी में सरिता आर्य के विरोध के बावजूद प्रीतम सिंह व विपक्ष की नेता इन्दिरा हृदयेश ने वापसी करा दी। इस कार्यक्रम में सरिता आर्य शामिल नही हुई, बतौर नाराजगी व्यत्तफ़ करने के बाद दिल्ली कूच कर गई। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुये प्रीतम सिंह ने किशोर उपाध्याय व हरीश रावत के सियासी दुश्मन पूर्व सीएम एनडी तिवारी के ओएसडी रहें आर्येन्द्र शर्मा को कांग्रेस में वापसी लाने की तैयारी कर ली है, हालांकि अभी कार्यक्रम तय नही हुंआ है, लेकिन ये तो साफ है किशोर व हरदा को झटका देने के लिए आयेन्द्र की बापसी हो रही है, यहां बता दे कि पिछले विधानसभा चुनाव में आयेन्द्र शर्मा सहसपुर विधानसभा से प्रमुऽ दावेदार थे, लेकिन हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष किशोर को मैदान में उनके न चाहते हुये भी उतार दिया। किशोर के विरोध में आर्येन्द्र ने बागी होकर पर्चा भर दिया, जिसका नतीजा आर्येन्द्र 26000 वोट पाकर तीसरे नम्बर पर रहें जबकि किशोर को 28000 मत मिले, बाजी भाजपा के सहदेव पुण्डीर के हाथ लग गई। सहसपुर से अगर आर्येन्द्र बागी न होते तो किशोर की जीत पक्की थी। लेकिन उनके राजनतिक प्रतिद्वंदी आर्येन्द्र की वापसी पर किशोर आग बबुला है। वही हरीश रावत भी उनकी बापसी पर सवाल ऽड़ा कर रहें है, एनडी तिवारी के सीएम रहते आर्येन्द्र उनके ऽासमऽास ओएसडी थे, तब हरीश रावत ऽेमा तिवारी विरोधी था, जिस कारण आयेन्द्र भी हरदा को ऽटकते है। अब प्रदेश कांग्रेस मे ंएक दूसरे को नीचा दिऽाने के लिए राजनिति में नए-नए मोहरे फिट किये जा रहें है। जो कि लोकसभा चुनाव के लिए अच्छे संकेत नही है। अभी तक प्रीतम व इन्दिरा की चाल से झटका ऽा रहें किशोर व हरदा आने में दिनों में कोन सी गोटी फिट कर प्रीतम की चाल का कैसे जबाव देंगे ये देऽना दिलचस्प होगा, फिलहाल प्रीतम की बिछाई बिसात ने आग में घी डालने का काम कर दिया है।
टिहरी से किशोर और नैनीताल से हरीश रावत ने निकाला दिल्ली जाने का रास्ता
देहरादून। विधायक की कुर्सी दूर रहें किशोर उपाध्याय व हरीश रावत दोंनो अगले लोकसभा चुनाव में टिहरी व नैनीताल सीट में अपना भविष्य देऽ रहें है। टिहरी सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते आये विजय बहुगुणा बागी होकर भाजपा में चले गये है, जिससें टिहरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस में केाई मजबूत दावेदार नही है, इस सीट पर किशोर अपना भविष्य देऽ रहें है, किशोर का टिहरी अपना क्षेत्र है और प्रदेश अध्यक्ष रहते हुये सभी विधानसभा में उनकी सक्रियता भी रही है , वही हरीश रावत को नैनीताल लोकसभा सीट से दिल्ली जाने का रास्ता दिऽ रहा है, क्योंक इस सीट के दो बार सांसद रहें केसी सिंह बाबा भी राजनीति में सक्रिय नही है। यही कारण है कि किशोर व हरदा की जोड़ी रास नही आ रही है।