प्रवचन सुनने को उमड़े लाखों श्रद्धालु

संसार में मालिक एक है और मालिक तक पहुंचने का साधन भी एक है जो प्रेम और प्यारा का है : बाबा गुरिन्दर सिंह

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रुद्रपुर,4नवम्बर। राधा स्वामी सत्संग व्यास के प्रमुख बाबा गुरिन्दर सिंह ढिल्लो ने कहा कि धरती पर सारे धर्म व जाति एक समान हैं जिसे मालिक ने पैदा किया है लेकिन इंसान ने इसे जातपात में बांट दिया है। संसार में मालिक एक है और मालिक तक पहुंचने का साधन भी एक है जो प्रेम और प्यारा का है। प्रेम से परमात्मा और परमात्मा से प्रेम पाया जा सकता है। बाबा गुरिन्दर सिंह ढिल्लो किच्छा रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग आश्रम में प्रवचन कर रहे थे। इस दौरान आसपास व दूर दराज से लाखों की संख्या में सेवादार उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि संसार में ईश्वर एक है लेकिन इंसान ने इसे धर्म व जाति में बांट दिया। यहां तक कि मालिक को भी इंसान ने बांट दिया है। जबकि भगवान, वाहे गुरू, अल्लाह और गॉड एक है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करेगा वैसा ही फल उसे भुगतना पड़ेगा। जिस प्रकार किसान अपने खेतों में जिस प्रकार का बीज बोता है उसी प्रकार का फल प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि इंसान को अपने अंतर्मन की सफाई करनी चाहिए तभी मोक्ष प्राप्त हो सकता है। जिस प्रकार इंसान विभिन्न प्रयास कर अपने शरीर को सुंदर बनाता है वैसे ही अपने अंतर्मन की सफाई करे। धार्मिक स्थलों पर इंसान बुरे कर्मों से डरता है जबकि शरीर रूपी स्थल पर इंसान बुरे कर्म करता है। जो शरीर मालिक ने बनाया है वहां कदाचित गलत कार्य न करें क्योंकि शरीर नर नारायण देह कहलाती है जहां मालिक स्वयं रहता है। उन्होंने कहा कि इंसान नाम शबद की कमाई करे। जिस प्रकार वह गंदे बर्तन में खाना नहीं खाते और शरीर को शुद्ध रखते हैं वैसे ही आत्मा को भी शुद्ध रखें। इंसान सृष्टि का सर्वोपरि जीव है। देवी देवता भी इंसान के रूप में जन्म लेना चाहते हैं। भक्ति कर मोक्ष को प्राप्त करें क्योंकि मालिक दया मेहर बनाये रखता है। उन्होंने कहा कि वह इंसान नाशुक्रा है जो इसकी कद्र नहीं करता और अच्छे कर्म नहीं करता। बुरे कर्मों को इसी शरीर में भुगतना पड़ता है। बाबा जी ने कहा कि यह धरती एक रंगमंच है जहां माता, पिता, भाई, बहन सभी रिश्तेदार रहते हैं लेकिन वह सब मतलब के हैं और शरीर से जुड़े हैं और उनका सम्बन्ध सिर्फ इच्छापूर्ति तक होता है। क्योंकि इंसान की मृत्यु के बाद सारे रिश्ते खत्म हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि संत महात्मा मनुष्य को उनके कर्मों से आगाह करते हैं ताकि इंसान सदैव अच्छे कार्य करे। सत्संग के दौरान लाखों की संख्या में अलग अलग राज्यों से संगत पहुंची जहां सेवादारों ने विभिन्न स्थानों से लाने ले जाने की व्यवस्था की। उन्होंने यातायात व्यवस्था संभाली। प्रवचन के उपरान्त लाखों श्रद्धालुओं ने लंगर ग्रहण किया। पार्किंग में भी हजारों की संख्या में दोपहिया व चौपहिया वाहनों के खड़े होने की व्यवस्था की गयी।

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